संयुक्त राष्ट्र, 21 जून . अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के महानिदेशक राफेल ग्रॉसी ने ईरानी परमाणु सुविधाओं पर इजरायली हमलों से परमाणु संदूषण (रेडियोधर्मी और रासायनिक प्रदूषण ) के खतरे की चेतावनी दी है.
ग्रॉसी ने कहा, “ईरान में परमाणु स्थलों पर हमलों ने देश में परमाणु सुरक्षा और संरक्षा में भारी गिरावट ला दी है. हालांकि, अभी तक इनसे जनता को प्रभावित करने वाला कोई रेडियोधर्मी उत्सर्जन नहीं हुआ है, लेकिन ऐसा होने का खतरा है.”
सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, सुरक्षा परिषद की आपातकालीन बैठक में अपनी ब्रीफिंग में ग्रॉसी ने कहा कि हालांकि इजरायली हमले के बाद नतांज साइट के बाहर रेडियोधर्मिता का स्तर अपरिवर्तित और सामान्य स्तर पर बना हुआ है, लेकिन सुविधा के अंदर रेडियोलॉजिकल और रासायनिक दोनों तरह का संदूषण है.
उन्होंने कहा, “मुख्य रूप से अल्फा कणों से युक्त विकिरण, अगर सांस के साथ अंदर जाए या निगला जाए तो एक बड़ा खतरा पैदा करता है. श्वसन उपकरणों का उपयोग करने जैसे उचित सुरक्षात्मक उपायों के साथ इस जोखिम को प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया जा सकता है. सुविधा के अंदर मुख्य चिंता रासायनिक विषाक्तता है.”
60 प्रतिशत यूरेनियम को समृद्ध करने के लिए फोर्डो ईरान का मुख्य संवर्धन स्थान है. उन्होंने कहा कि आईएईए को इस समय फोर्डो में किसी भी नुकसान की जानकारी नहीं है.
13 जून के हमले में एस्फाहान परमाणु स्थल पर चार इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं. ऑफ-साइट विकिरण के स्तर में कोई वृद्धि नहीं बताई गई. उन्होंने कहा कि नतांज की तरह, मुख्य चिंता केमिकल टॉक्सिटी की है.
ग्रॉसी ने कहा कि अन्य परमाणु सुविधाओं पर हमलों का कोई रेडियोलॉजिकल प्रभाव नहीं पड़ा है.
संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी संस्था के प्रमुख ने बुशहर परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर हमले के गंभीर परिणामों की चेतावनी दी, जो एक चालू परमाणु ऊर्जा संयंत्र है और जिसमें हजारों किलोग्राम परमाणु सामग्री है.
उन्होंने कहा, “मैं यह बिल्कुल और पूरी तरह से स्पष्ट करना चाहता हूं: बुशहर परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर हमले के मामले में, सीधे हमले के परिणामस्वरूप पर्यावरण में रेडियोधर्मी विकिरणों का बहुत अधिक उत्सर्जन हो सकता है.”
इसी तरह, संयंत्र को बिजली की आपूर्ति करने वाली केवल दो लाइनों को निष्क्रिय करने वाले हमले से इसके रिएक्टर का कोर पिघल सकता है, जिसके परिणामस्वरूप पर्यावरण में रेडियोधर्मिता का उच्च उत्सर्जन हो सकता है. अपने सबसे खराब मामले में, दोनों परिदृश्यों में सुरक्षात्मक कार्रवाई की आवश्यकता होगी, जैसे कि आबादी को निकालना और आश्रय देना या स्थिर आयोडीन लेने की आवश्यकता, जिसकी पहुंच कुछ से लेकर कई सौ किलोमीटर तक हो सकती है.
उन्होंने चेतावनी दी कि विकिरण निगरानी को कई सौ किलोमीटर की दूरी को कवर करने की आवश्यकता होगी और खाद्य प्रतिबंधों को लागू करने की आवश्यकता हो सकती है.
ग्रॉसी ने कहा कि तेहरान परमाणु अनुसंधान रिएक्टर के खिलाफ किसी भी कार्रवाई के गंभीर परिणाम हो सकते हैं, संभवतः शहर के बड़े क्षेत्रों और उसके निवासियों के लिए.
उन्होंने कहा कि परमाणु सुविधाओं पर सशस्त्र हमले कभी नहीं होने चाहिए, उन्होंने अधिकतम संयम बरतने का आह्वान किया.
उन्होंने कहा कि सैन्य वृद्धि से जीवन को खतरा है और ईरान द्वारा परमाणु हथियार हासिल न करने के दीर्घकालिक आश्वासन के लिए कूटनीतिक समाधान की दिशा में अपरिहार्य कार्य में देरी होती है.
ग्रॉसी ने कहा, “यदि आवश्यक राजनीतिक इच्छाशक्ति है तो कूटनीतिक समाधान पहुंच के भीतर है. समझौते के लिए तत्वों पर चर्चा की गई है. आईएईए एक वाटरटाइट निरीक्षण प्रणाली के माध्यम से गारंटी दे सकता है कि ईरान में परमाणु हथियार विकसित नहीं किए जाएंगे. वे एक दीर्घकालिक समझौते का आधार बन सकते हैं जो शांति लाता है और मध्य पूर्व में परमाणु संकट को रोकता है. इस अवसर को नहीं गंवाना चाहिए.”
उन्होंने कहा कि इसका विकल्प एक लम्बा संघर्ष और परमाणु प्रसार का खतरा होगा, जो मध्य पूर्व से उत्पन्न होकर, परमाणु अप्रसार संधि और समग्र रूप से परमाणु अप्रसार व्यवस्था को प्रभावी रूप से नष्ट कर देगा.
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केआर/