न्यूयॉर्क, 20 जून . व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अगले दो सप्ताह में ईरान पर हमला करने का आदेश देंगे या नहीं, इस पर फैसला करेंगे.
लेविट ने गुरुवार को ट्रंप की ओर से एक बयान पढ़ा, जिसमें उन्होंने इस अटकलों का जवाब दिया कि क्या अमेरिका सीधे ईरान और इजरायल के बीच संघर्ष में शामिल होगा.
लेविट ने कहा, “अगर ईरान के साथ कोई राजनयिक समझौता होता है, तो ईरान को यूरेनियम संवर्धन पर सहमत होना होगा और उसे परमाणु हथियार बनाने की अनुमति नहीं होगी.”
लेविट ने बताया कि अमेरिका और ईरान के बीच बातचीत जारी है.
सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने बताया कि 13 जून को इजरायल के ईरान पर हमलों के बाद से अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ और ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कई बार फोन पर बात की है ताकि इस संकट का राजनयिक समाधान निकाला जा सके.
स्थानीय मीडिया ने तीन राजनयिकों (नाम न बताने की शर्त पर) के हवाले से बताया कि इस बातचीत में अमेरिका ने एक प्रस्ताव रखा, जिसमें ईरान के बाहर एक क्षेत्रीय समूह द्वारा यूरेनियम संवर्धन की बात थी, लेकिन ईरान ने इसे ठुकरा दिया है.
ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ से कहा कि अगर अमेरिका इजरायल पर युद्ध खत्म करने का दबाव डाले, तो तेहरान परमाणु मुद्दे पर विचार कर सकता है.
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि जब तक इजरायल हमले बंद नहीं करता, ईरान बातचीत में वापस नहीं आएगा. यह जानकारी एक क्षेत्रीय राजनयिक के हवाले से स्थानीय मीडिया ने दी.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मंगलवार रात को ट्रंप ने ईरान पर हमले की योजनाओं को मंजूरी दी थी. हालांकि, ईरान द्वारा अपने परमाणु कार्यक्रम को छोड़ने की स्थिति में उन्होंने अंतिम फैसला टाल दिया है.
बता दें कि इजरायल और ईरान के बीच तनाव काफी बढ़ गया है. दोनों देश लगातार एक-दूसरे को निशाना बना रहे हैं.
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एफएम/केआर