योग दिवस पर विशेष ब्रेक देकर धर्म के नाम पर राजनीति कर रही यूपी सरकार : आईएसएफ विधायक

कोलकाता, 19 जून . अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के दिन Governmentी दफ्तरों में विशेष ब्रेक दिए जाने वाले यूपी Government के फैसले पर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. देश भर के मुस्लिम समुदाय का एक तबका इसका विरोध कर रहा है. वह नमाज के लिए ब्रेक नहीं देने और योग के लिए ब्रेक देने के यूपी की योगी Government के फैसले को गलत बता रहा है और धर्म के आधार पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगा रहा है.

पश्चिम बंगाल विधान सभा में इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के विधायक नौशाद सिद्दीकी ने समाचार एजेंसी से बात करते हुए यूपी Government पर धर्म के आधार पर राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, “यूपी में Chief Minister योगी की Government सही नहीं चल रही है. वह धर्म के आधार पर राजनीति कर रहे हैं. अगर नमाज घर में या किसी के छत पर पढ़ा जाएगा, तो उसके लिए जुर्माना लग रहा है. कुर्बानी के लिए बहुत कुछ बोला गया है. अब योग दिवस पर छुट्टी दिया जा रहा है. India में अलग-अलग धर्म, जाति और संस्कृति देखने को मिलती है, जो India की खूबसूरती है. लेकिन Government इसे खत्म करना चाहती है. नमाज के लिए छुट्टी नहीं दिया जा रहा है, जबकि योग के लिए दिया जा रहा है, यह राज्य Government का दोहरा चरित्र है.”

कोलकाता स्थित नाखोदा मस्जिद के इमाम सफिक अहमद ने इसको लेकर कहा, “जिस तरह किसी भी Governmentी दफ्तर में नमाज के लिए अलग से छुट्टी की जरूरत नहीं है, जिस तरह जीवन में इंसान को अपने रोजमर्रा के काम को करने के लिए छुट्टी की जरूरत नहीं होती है. मुसलमानों के लिए नमाज पढ़ना उनकी जिंदगी का एक फर्ज है. ऐसे में मुसलमान किसी भी परिस्थिति में 5 मिनट का फर्ज नमाज अदा कर सकता है. इस चीज को लेकर कोई मुद्दा नहीं बनाना चाहिए.”

इमाम ने कहा, “जहां तक योग दिवस की बात है, तो लोगों की सेहत के लिए India और पूरी दुनिया में योग दिवस मनाया जाता है. लेकिन इसको धर्म की आड़ में नहीं करना चाहिए. अगर योग दिवस पर कोई छुट्टी की डिमांड करता है, तो इसमें कुछ गलत नहीं है. दूसरा भी डिमांड कर सकता है. इन चीजों को मुद्दा नहीं बनाना चाहिए और विवाद से बचना चाहिए.”

एससीएच/जीकेटी