ऑपरेशन सिंधु: ईरान से भारतीय नागरिकों की निकासी के लिए जाएगा एक और विमान

नई दिल्ली, 19 जून . ईरान में बढ़ते क्षेत्रीय तनाव के बीच भारत ने अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए “ऑपरेशन सिंधु” शुरू किया है. इस अभियान के पहले चरण में ईरान से सफलतापूर्वक निकाले गए 110 भारतीय नागरिकों को लेकर पहली उड़ान नई दिल्ली पहुंची. सभी भारतीय नागरिकों को इंडिगो की उड़ान 6ई 9487 से दिल्ली लाया गया. केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने हवाई अड्डे पर भारतीय नागरिकों का स्वागत किया.

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के 90 छात्रों समेत 110 भारतीय नागरिकों का पहला जत्था गुरुवार की सुबह नई दिल्ली पहुंचा. ये स्पेशल फ्लाइट नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल-3 पर उतरी. ईरान के उर्मिया मेडिकल यूनिवर्सिटी से इन छात्रों को निकाला गया. विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि भारत सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए हरसंभव कदम उठा रही है.

केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने से कहा, “हमारे विमान तैयार हैं. हम एक और विमान भेजेंगे. हम तुर्कमेनिस्तान से कुछ और लोगों को निकाल रहे हैं. एक और विमान जाएगा और इस मिशन के लिए 24 घंटे की हेल्पलाइन खोली है. जैसे-जैसे स्थिति बदलेगी, हम ईरान से सभी भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए और अधिक विमान भेजेंगे.”

ईरान- इजरायल सैन्य संघर्ष के बीच निकाले जाने के बाद कई भारतीय छात्रों ने से बात की. एक छात्र ने को बताया, “स्थिति बेहद खतरनाक थी और हम डरे हुए थे. हमने ड्रोन देखे, घायल लोग देखे और इंटरनेट बंद था. कुछ भी काम नहीं कर रहा था. हमें इस बात का डर था कि हमें लेने कोई आएगा या नहीं. हालांकि भारत सरकार की तरफ से मदद आई और हम सेफ तरीके से घर लौट आए हैं.”

ईरान और आर्मेनिया स्थित भारतीय दूतावास के साथ-साथ नरेंद्र मोदी सरकार को धन्यवाद देते हुए अन्य छात्र ने कहा, “ईरान में स्थिति बहुत खराब है. दो दिन पहले हालात थोड़े ठीक थे, लेकिन अब ये बहुत खराब हैं. जिस तरह से हमें निकाला गया और हमारे साथ व्यवहार किया गया, उसके लिए हम भारत सरकार के बहुत आभारी हैं. मैं वास्तव में भारतीय दूतावास और भारतीय सरकार का आभारी हूं.”

ईरान से निकाले गए एक अन्य छात्र ने को बताया, “वहां (ईरान में) स्थिति निश्चित रूप से खराब है. ईरान और आर्मेनिया में भारतीय दूतावासों ने हमें हर तरह की सहायता दी और हमारी निकासी को प्राथमिकता दी.”

डीसीएच/केआर