नई दिल्ली, 18 जून . केंद्रीय मंजूरी एवं निगरानी समिति की बुधवार को हुई तीसरी बैठक के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 के तहत निर्माण के लिए लगभग 2.35 लाख घरों को मंजूरी दी गई है.
बैठक में नौ राज्यों असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में कुल 2,34,864 घरों की स्वीकृति दी गई. आवासन एवं शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, इस प्रकार पीएमएवाई-यू 2.0 के तहत अब तक स्वीकृत घरों की कुल संख्या सात लाख के आंकड़े को पार कर गई है.
पीएमएवाई-यू 2.0 को चार वर्टिकल – लाभार्थी नेतृत्व निर्माण (बीएलसी), भागीदारी में किफायती आवास (एएचपी), किफायती किराए के आवास और ब्याज सब्सिडी योजना के माध्यम से कार्यान्वित किया जा रहा है.
मंत्रालय के सचिव श्रीनिवास कटिकिथला की अध्यक्षता वाली केंद्रीय मंजूरी और निगरानी समिति द्वारा अनुमोदित घर, योजना के लाभार्थी नेतृत्व निर्माण और भागीदारी में किफायती आवास वर्टिकल के अंतर्गत आते हैं.
बैठक के दौरान, कटिकिथला ने बड़े राज्यों को किफायती आवास नीति तैयार करने और प्रस्तावों को पीएमएवाई-यू 2.0 के एएचपी वर्टिकल के अंतर्गत लाने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश महाराष्ट्र की किफायती आवास नीति का अध्ययन कर सकते हैं और इसे अपनी स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार अपना सकते हैं. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह भी सलाह दी गई कि वे बाद के चरण में खाली पड़े घरों की समस्या से बचने के लिए अनुमोदन के प्रारंभिक चरण में एएचपी वर्टिकल के तहत लाभार्थियों की पहचान करें और उन्हें संलग्न करें.
पीएमएवाई-यू 2.0 के तहत बुधवार को स्वीकृत घरों में, महिलाओं के सशक्तीकरण को सुनिश्चित करते हुए, अकेली महिलाओं और विधवाओं सहित 1.25 लाख से अधिक घर स्वीकृत किए गए हैं. इस बीच, ट्रांसजेंडरों को 44 घर आवंटित किए गए हैं.
यह योजना विभिन्न वंचित समूहों के बीच समावेशिता और सामाजिक समानता को भी बढ़ावा देती है, जिसमें एससी लाभार्थियों के नाम पर 42,400 घर, एसटी लाभार्थियों के लिए 17,574 घर और ओबीसी के लिए 1,13,414 घर आवंटित किए गए हैं.
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पीएमएवाई-यू 2.0 के एकीकृत वेब पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों के लाभार्थियों का सत्यापन और संलग्न करने और विशेष फोकस समूहों के लाभार्थियों को प्राथमिकता देने की भी सलाह दी गई.
पीएमएवाई-यू 2.0 के तहत, एक करोड़ परिवारों को शहरी क्षेत्रों में पक्का घर बनाने या खरीदने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी. यह योजना गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को उनके जीवन की बेहतरी पर ध्यान केंद्रित करने के लिए सुरक्षित घर देकर उनके उत्थान पर केंद्रित है. ऐसे व्यक्ति और परिवार, जिनके पास देश में कहीं भी पक्का घर नहीं है, वे पीएमएवाई-यू 2.0 के तहत घर खरीदने या बनाने के पात्र हैं. प्रति आवास इकाई 2.50 लाख रुपए तक की केंद्रीय सहायता प्रदान की जाती है.
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एएसएच/एकेजे