New Delhi, 18 जून . राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने Wednesday को तमिलनाडु में युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनका अरबी कॉलेज के संस्थापक जमील बाशा से संपर्क रहा है.
यह केस तमिलनाडु के कोयंबटूर कार बम विस्फोट मामले से जुड़ा है. इस मामले में अब तक कुल आठ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
एनआईए द्वारा गिरफ्तार चारों आरोपियों की पहचान अहमद अली, जवाहर सातिक, राजा अब्दुल्ला उर्फ मैक राजा और शेख दाऊद के रूप में हुई है. चारों को मद्रास अरबी कॉलेज के संस्थापक जमील बाशा ने कट्टरपंथी बनाया था. वह अपने साथियों के साथ मिलकर भोले-भाले युवाओं की भर्ती करता था और तमिलनाडु में अरबी भाषा की कक्षाएं देने के नाम पर उनमें सलाफी-जिहादी विचारधारा भरता था.
एनआईए ने पहले जमील बाशा और उसके साथियों इरशाद, सैयद अब्दुर रहमान और मोहम्मद हुसैन को गिरफ्तार किया था और उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. ये सभी आरोपी क्लासरूम और social media प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल अपनी राष्ट्र विरोधी कट्टरपंथीकरण और भर्ती गतिविधियों को अंजाम देने के लिए कर रहे थे.
जांच से पता चला है कि आरोपी खिलाफत विचारधारा को बढ़ावा दे रहे थे और जिहाद के जरिए शहादत का महिमामंडन कर रहे थे. उन पर इस्लामिक राज्य की स्थापना के लिए लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई Government को उखाड़ फेंकने के उद्देश्य से हिंसा और सशस्त्र विद्रोह को बढ़ावा देने का आरोप है. माना जाता है कि बाशा और उसके साथियों द्वारा कथित रूप से तैयार किए गए कट्टरपंथी नेटवर्क ने अक्टूबर 2022 में जेमशा मुबीन द्वारा किए गए आत्मघाती बम विस्फोट को अंजाम दिया था.
उस घटना में, मुबीन ने कोयंबटूर में एक प्राचीन मंदिर के पास एक स्थान पर वाहन-जनित इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (वीबीआईईडी) चलाया, जिसके परिणामस्वरूप एक बड़ा सुरक्षा खतरा पैदा हो गया और कट्टरपंथी आतंकी मॉड्यूल पर देशव्यापी कार्रवाई शुरू हो गई.
एनआईए देश के खिलाफ कट्टरपंथी आतंकी गतिविधियों की जांच करने के अपने प्रयासों के तहत जांच जारी रखे हुए है.
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एससीएच/एएसएच/एकेजे