भारत के कच्चे तेल आपूर्तिकर्ताओं की संख्या बढ़कर 40 हुई, आउटपुट में भी हो रहा इजाफा : हरदीप पुरी (आईएएनएस इंटरव्यू)

New Delhi, 18 जून . केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने Wednesday को कहा कि देश के कच्चे तेल आपूर्तिकर्ताओं की संख्या बढ़कर 40 हो गई है, जो कि पहले 27 थी. समाचार एजेंसी से बात करते हुए Union Minister ने कई सवालों के जवाब दिए. यहां पढ़िए Union Minister से की बातचीत की मुख्य बातें.

सवाल – इजरायल-ईरान संघर्ष का India में पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति पर क्या असर पड़ेगा?

जवाब – इजरायल और ईरान संघर्ष के बीच मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि देश में पेट्रोल-डीजल की कोई कमी नहीं है और इस समय चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है. वर्तमान में दुनिया में कच्चे तेल की कोई कमी नहीं है और हमारे कच्चे तेल आपूर्तिकर्ताओं की संख्या अब बढ़कर 40 हो गई है, जो कि पहले 27 थी. इसके अलावा हम स्वयं भी कच्चे तेल का उत्पादन कर रहे हैं. हमारा आउटपुट भी बढ़ रहा है और हमारे पास काफी स्टॉक है.

सवाल – बीते 11 वर्षों में पेट्रोलियम मंत्रालय की क्या बड़ी उपलब्धियां हैं?

जवाब – हमारा काम देश में पेट्रोल-डीजल और एलपीजी की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करना है. Prime Minister Narendra Modi द्वारा 2016 में उज्ज्वला योजना की शुरुआत की गई है. अब इस योजना का लाभ 10.33 करोड़ गरीब परिवारों को मिल रहा है. पहले केवल शहरी इलाकों तक ही गैस सिलेंडर की सुविधा सीमित थी, लेकिन मोदी Government ने यह सुनिश्चित किया है कि देश के ग्रामीण इलाकों में भी एलपीजी सिलेंडर आसानी से पहुंचे. 2014 में हमने बायोफ्यूल ब्लेंडिंग 1.4 प्रतिशत से शुरू की थी, जो आज 20 प्रतिशत पर पहुंच गई है.

सवाल – India दुनिया की चौथी अर्थव्यवस्था बन चुका है, क्या दुनिया India की ताकत का लोहा मान रही है?

जवाब – India वर्तमान में दो ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर चार ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन चुका है और 6.5 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ रहा है. इसी रफ्तार से आने वाले समय में देश आठ ट्रिलियन डॉलर तक की अर्थव्यवस्था बन जाएगा. देश की अर्थव्यवस्था बढ़ने का असर प्रत्यक्ष तौर पर नागरिकों पर पड़ता है. देश में आर्थिक गतिविधि भी बढ़ती है और प्रति व्यक्ति आय में इजाफा होता है. दुनिया इंटरकनेक्टेड है इसलिए गुड्स और सर्विसेज का एक्सचेंज बढ़ेगा. अर्थव्यवस्था बढ़ने से दुनिया में आपकी स्वीकार्यता बढ़ती है.

एबीएस/एबीएम