फिल्म इंडस्ट्री में वेतन असमानता और उम्र पर चित्रांगदा सिंह ने की बात, कहा, ‘बदलाव में समय लगता है’

मुंबई, 18 जून . बॉलीवुड अभिनेत्री चित्रांगदा सिंह ने से बात करते हुए फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े दो अहम मुद्दों पर अपनी बात खुलकर रखी, पहली वेतन असमानता और दूसरी 40 की उम्र के बाद अभिनेत्रियों के लिए बदलते अवसर.

अपना नजरिया साझा करते हुए चित्रांगदा सिंह ने माना कि फिल्म इंडस्ट्री ने काफी तरक्की की है, लेकिन बदलाव होने में समय लगता है.

एक्ट्रेस ने कहा कि पहले के मुकाबले अब महिला और पुरुष कलाकारों के वेतन में जो बड़ा अंतर था, वह थोड़ा कम हुआ है.

से बात करते हुए चित्रांगदा ने कहा, “धीरे-धीरे काफी कुछ बदला है, लेकिन ऐसे बदलावों में वक्त लगता है. रानी मुखर्जी, विद्या बालन, कृति सेनन और तब्बू जैसी अभिनेत्रियों ने इसे बेहतर बनाने में अपनी बड़ी भूमिका निभाई है.”

उन्होंने कहा कि अब कलाकारों की फीस उस हिसाब से तय हो रही है कि कौन सा अभिनेता या अभिनेत्री ज्यादा दर्शकों को थिएटर तक खींच पाता है.

40 साल से ऊपर की महिलाओं के लिए रोल मिलने के मुद्दे पर बात करते हुए चित्रांगदा सिंह ने माना कि पहले इस उम्र की महिलाओं के लिए खास रोल नहीं लिखे जाते थे, इसलिए कुछ सीमाएं अभी भी हैं, पर हालात पहले से बेहतर हैं.

उन्होंने कहा, “अब अनुभवी एक्ट्रेस के लिए भी अच्छे किरदार लिखे जा रहे हैं.” उन्होंने करीना कपूर का उदाहरण देते हुए कहा, “वह इस समय सबसे दिलचस्प और दमदार काम कर रही हैं.”

एक्ट्रेस के अनुसार, अब काम का तरीका बदल रहा है. अलग-अलग उम्र के एक्टर्स को उनके हिसाब से नए और अलग तरह के मौके दिए जा रहे हैं. उम्र को देखकर रोल कम करने की बजाय, हर उम्र के लिए सही और खास रोल बनाने पर जोर दिया जा रहा है.

उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि किसी के लिए काम कम हो रहा है. बस, अब अलग तरह के रोल लिखे जा रहे हैं. जैसे कि कोई 20 साल की लड़की को 40 साल वाली महिला का किरदार नहीं दे सकते और 40 साल की महिला को 20 साल वाली लड़की की भूमिका नहीं दे सकते.”

वर्कफ्रंट की बात करें तो चित्रांगदा सिंह हाल ही में तरुण मनसुखानी की कॉमेडी फिल्म ‘हाउसफुल 5’ में नजर आईं. इस फिल्म में उनके साथ अक्षय कुमार, अभिषेक बच्चन, जैकलीन, रितेश देशमुख, सोनम बाजवा, संजय दत्त, जैकी श्रॉफ, नाना पाटेकर और फरदीन खान जैसे कई मशहूर कलाकार भी हैं.

यह फिल्म 6 जून को थिएटर में रिलीज हुई है.

पीके/एबीएम