नई दिल्ली, 18 जून . भारतीय शेयर बाजार में स्मॉलकैप सेगमेंट का मार्केट कैप बीते सात कैलेंडर वर्ष में 5 गुना बढ़कर 2024 के अंत में 92 लाख करोड़ रुपए हो गया है, जो कि 2017 में 17 लाख करोड़ रुपए था. बुधवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई.
बजाज फिनसर्व एएमसी की रिपोर्ट में बताया गया कि बीते सात वर्षों में स्मॉलकैप का प्रदर्शन मिडकैप और लार्जकैप से अच्छा रहा है. इस दौरान स्मॉलकैप सेगमेंट का मार्केट कैप 27.6 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़ा है. वहीं, समीक्षा अवधि में लार्जकैप और मिडकैप सेगमेंट के मार्केट कैप में क्रमश: 14.5 प्रतिशत और 21.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले तीन वर्षों में शेयर बाजार के कुल मार्केट कैप में स्मॉलकैप का योगदान 1.4 गुना बढ़ा है. वहीं, पिछले चार वर्षों में कॉरपोरेट मुनाफे में उनका योगदान 2.5 गुना बढ़ा है. यह ट्रेंड स्मॉलकैप सेगमेंट के बढ़ते आकार और इसके द्वारा प्रस्तुत किए जा रहे निवेश के अवसरों को दर्शाते हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में स्मॉलकैप में गिरावट देखी गई, जिससे बेहतर वैल्यूएशन पर अच्छी क्वालिटी के स्मॉल कैप हासिल करने का अवसर निवेशकों को मिला.
बजाज फिनसर्व एएमसी के मुताबिक, वित्त वर्ष 24 में स्मॉलकैप इंडेक्स में 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई. वहीं, इसके मुनाफे में 38 प्रतिशत का इजाफा देखा गया. इसके अलावा, वित्त वर्ष 25 में स्मॉलकैप कंपनियों का मुनाफा बढ़कर 29,941 करोड़ रुपए हो गया है, जो कि वित्त वर्ष 24 में 21,669 करोड़ रुपए था.
इसके अलावा, शीर्ष 250 स्मॉलकैप कंपनियों में से 74 प्रतिशत की रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड (आरओसीई) दोहरे अंक में थी.
रिपोर्ट में बताया कि स्मॉलकैप कंपनियों में निवेश करते समय गुणवत्ता पर ध्यान देना अति आवश्यक है. 2017 से लगभग 50 प्रतिशत स्मॉलकैप कंपनियां माइक्रोकैप श्रेणी में चली गई हैं. केवल चार कंपनियों की मिडकैप कैटेगरी में शामिल हो पाई हैं. इस कारण स्मॉलकैप में निवेश करते समय कंपनियों की क्वालिटी पर ध्यान देना काफी महत्वपूर्ण है.
इसके अतिरिक्त बजाज फिनसर्व एएमसी ने बताया कि आईपीओ में भी स्मॉलकैप कंपनियां आगे रही हैं और 2020 से करीब 196 स्मॉलकैप कंपनियों की लिस्टिंग हो चुकी हैं.