पीएम मोदी की कनाडा यात्रा, भारतीय समुदाय को दोनों देशों के रिश्‍तों में सुधार की उम्‍मीद

कैलगरी,17 जून . पीएम Narendra Modi कनाडाई Prime Minister मार्क कार्नी के निमंत्रण पर जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए कनाडा के कैलगरी पहुंचे. भारतीय समुदाय ने उम्‍मीद जताई है कि पीएम मोदी के इस दौरे से दोनों देशों के रिश्‍ते सुधरेंगे. उन्‍होंने कनाडा Government के पीएम मोदी को निमंत्रण देने के फैसले की सराहना की है.

जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए Prime Minister Narendra Modi की कनाडा यात्रा पर व्यवसायी हार्दिक पंड्या ने कहा, “कई वर्षों से भारत-कनाडा व्यापार से जुड़े होने के नाते हम वास्तव में दिए गए निमंत्रण की सराहना करते हैं. पिछले दशक में दोनों देशों के बीच संबंधों में उल्लेखनीय अंतर आया है. यह निमंत्रण उस रिश्ते को बेहतर बनाने का एक मूल्यवान अवसर प्रस्तुत करता है. कनाडा Government की तरफ से अच्‍छा फैसला लिया गया है,उम्मीद करते हैं कि इससे दोनों देश नजदीक आएंगे. India की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है और कनाडा के लिए जरूरी है कि बड़ी इकोनॉमी के साथ मिलकर चले. पिछले 10 साल से India की इकोनॉमी में तेजी आई है.”

कैलगरी विश्वविद्यालय की सीनेट सदस्य निधि लोढ़ा समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा, “मैं इसे एक बहुत ही सकारात्मक कदम के रूप में देखती हूं. उम्मीद है कि यह कदम India और कनाडा के बीच संबंधों को पुनर्जीवित और मजबूत करने में मदद करेगा, जो लगभग ठप हो गया था. मेरा मानना ​​है कि Prime Minister मोदी का नेतृत्व India के लिए बेहद अच्छा रहा है. हम सभी उन्हें एक उत्कृष्ट नेता मानते हैं, और हम वास्तव में खुश हैं कि वह हमारे देश के Prime Minister हैं.”

कैलगरी में बाल रोग विशेषज्ञ प्रोफेसर डॉ. अभय लोढ़ा ने कहा, “मैं कैलगरी में अपने Prime Minister Narendra Modi की यात्रा पर उनका हार्दिक स्वागत करना चाहता हूं. हम, यहां मौजूद भारतीय समुदाय, बेहद खुश और गर्व से भरे हुए हैं. मेरा मानना ​​है कि Narendra Modi हमारे देश के अब तक के सबसे अच्छे प्रधानमंत्रियों में से एक हैं. मैंने कई नेताओं के बारे में पढ़ा है, लेकिन वास्तव में उनकी कोई तुलना नहीं है. मैं Rajasthan के एक गांव से आता हूं. एक समय था जब हमारे पास गैस कनेक्शन नहीं था, शौचालय नहीं थे. लेकिन Prime Minister मोदी के नेतृत्व में यह पूरी तरह बदल गया है. “

विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रोफेसर ब्रिज मैनी ने कहा, “पिछले दो वर्षों में दोनों देशों के बीच संबंध काफी तनावपूर्ण रहे हैं. हमारे नए Prime Minister कार्नी वास्तव में India के साथ संबंधों को सुधारने में रुचि रखते हैं. मुझे पूरी आशा है कि मोदी जी के इस दौरे से एक नया इनिशिएटिव शुरू होगा,भारत-कनाडा के संबंधों में सुधार होगा. मोदी Government में जीडीपी में तेजी आई है. पिछले 10 साल से India की जीडीपी 5 प्रतिशत से ज्‍यादा रही है.”

भारत-कनाडा संबंधों पर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अनिल मनोहरा ने कहा, “दोनों देशों के बीच संबंध बहुत मजबूत होने चाहिए, और वे अतीत में भी ऐसे ही थे. पिछले 2-3 वर्षों में कुछ असमंजस की स्थिति थी, लेकिन अब बातचीत फिर से शुरू हो गई है. मोदी और कार्नी को आमने-सामने बैठकर हर मुद्दे पर बात करना चाहिए, मनमुटाव से कोई नतीजा नहीं निकलता है.”

व्यवसायी रितेश मलिक कहते हैं, “यह एक बड़ा बदलाव है. लगभग दो साल पहले जो हुआ था, जब Prime Minister ट्रूडो ने संसद में भाषण दिया था,उसके बाद से रिश्ते अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए थे. मेरा मतलब है, पिछले पंद्रह सालों में मैं इस देश में रहा हूं, मैंने कभी ऐसी स्थिति नहीं देखी जहां कोई उच्चायुक्त या महावाणिज्यदूत न हो. यह इशारा स्पष्ट रूप से संकेत देता है कि दोनों देश अपने रिश्ते को फिर से बनाने के लिए गंभीर हैं. हम इसे अतीत से आगे बढ़ एक मजबूत साझेदारी बनाने के एक ईमानदार और वास्तविक प्रयास के रूप में देखते हैं.”

कनाडा में Prime Minister Narendra Modi के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के लिए सिख बच्चों का इस्तेमाल किए जाने पर, कनाडाई पत्रकार डैनियल बोर्डमैन कहते हैं, अधिकांश आम कनाडाई इन विरोध प्रदर्शनों को लेकर वाकई भ्रमित हैं. उन्हें समझ में नहीं आता कि इतना शोर क्यों मचाया जा रहा है. हालांकि खालिस्तानी आंदोलन अभी भी मुखर है, लेकिन दो साल पहले की तुलना में इसका प्रभाव निश्चित रूप से कम हुआ है. उनका प्रभाव 2023 के अंत में चरम पर था. उस समय, Prime Minister जस्टिन ट्रूडो के नेतृत्व वाली लिबरल Government चरमपंथी पृष्ठभूमि वाले व्यक्तियों से काफी प्रभावित थी.”

एएसएच/केआर