पटना, 16 जून . बिहार में आयोग के गठन में नेताओं के करीबी लोगों को शामिल किए जाने पर बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की ओर से ‘जमाई आयोग’ बनाने की मांग की गई है. इस पर बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि तेजस्वी यादव को अपने पिता का कार्यकाल देखना चाहिए और पूछना चाहिए कि उस दौरान ‘मामा आयोग’ क्यों नहीं बनाया गया था?
बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी ने सोमवार को समाचार एजेंसी से बातचीत के दौरान कहा कि तेजस्वी यादव ने जिन तीन व्यक्तियों पर सवाल उठाए हैं, तीनों दलित परिवारों से आते हैं. यह दिखाता है कि राजद के लोगों में कितना दलित प्रेम बसा हुआ है.
उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव रामविलास पासवान के दामाद पर सवाल खड़े कर रहे हैं, तेजस्वी यादव को पता होना चाहिए कि वह उस समय से राजनीति में हैं, जब वे हाफ पैंट में घूमा करते थे. केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने अपनी पार्टी को महत्व दिया है. पार्टी का मुखिया अपने लोगों को महत्व देता ही है. इसमें नया क्या है. तेजस्वी यादव को पता होना चाहिए कि कैसे लालू प्रसाद यादव अपने लोगों को महत्व देते थे.
अशोक चौधरी ने कहा कि मेरे दामाद पर सवाल करने से पहले तेजस्वी यादव को यह पता होना चाहिए कि वो तो दो साल से मेरे दामाद हैं और उन्हें जो जिम्मेदारी दी गई है, उसके लिए मैंने नीतीश कुमार से सिफारिश नहीं की है और न ही जदयू कोटे से उन्हें कुछ मिला है. अगर उन्हें कोई जिम्मेदारी मिली है तो वह भाजपा कोटे से मिली है.
उन्होंने यह भी कहा कि लालू यादव के कार्यकाल में क्या दौर था? उस वक्त ‘मामा आयोग’ क्यों नहीं बनाया गया? नीतीश कुमार पर आरोप लगाने के लिए जब कोई मुद्दा नहीं मिलता है तो कुछ न कुछ बहाना ढूंढते हैं. अगर बहस करनी है तो उन्हें विकास के मुद्दे पर बहस करना चाहिए. लालू यादव के कार्यकाल में 2.3 प्रतिशत विकास दर थी. अपराधियों को संरक्षण प्राप्त था. यहां तक कि जंगलराज की बात हाईकोर्ट ने कही थी, किसी राजनीतिक दल ने नहीं.
मंत्री अशोक चौधरी ने जनगणना के लिए औपचारिक अधिसूचना पर कहा कि यह अच्छी बात है. नीतीश कुमार और अन्य नेताओं ने लंबा संघर्ष किया है. करीब 15-20 साल पहले नीतीश कुमार ने संसद में जाति जनगणना की वकालत की थी. हम डॉ. अंबेडकर के सच्चे सपनों को भारत में साकार करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हैं.
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डीकेएम/एबीएम