नीलांबुर उपचुनाव महत्वपूर्ण, केरल में बदलाव की दिशा में पहले कदम का अवसर : प्रियंका गांधी

New Delhi, 15 जून . कांग्रेस महासचिव और केरल के वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने Sunday को नीलांबुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए पार्टी उम्मीदवार आर्यदान शौकत के समर्थन में जनसभा को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि नीलांबुर उपचुनाव महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह केरल में बदलाव की दिशा में पहला कदम उठाने का अवसर है.

एक सभा को संबोधित करते हुए प्रियंका गांधी ने लोगों से ऐसा प्रतिनिधि चुनने का आग्रह किया जो उनके कल्याण के लिए प्रतिबद्ध और समर्पित हो. उन्होंने कहा कि यह केरल में बदलाव लाने का समय है. उन्होंने लोगों से शौकत को चुनने का आग्रह करते हुए कहा कि वह अपने पिता पूर्व विधायक आर्यदान मोहम्मद की विरासत को आगे बढ़ाते हुए उन्हीं की तरह समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ काम करेंगे.

कांग्रेस महासचिव ने कहा, “पिछले दस वर्षों में हमने देखा है कि मौजूदा State government ने कैसे काम किया है. अब बदलाव लाने का समय आ गया है. यह बदलाव ऐसी सरकार से आएगा जो लोगों की परवाह करे, उनकी समस्याओं के समाधान की दिशा में काम करे और लोगों के जीवन और उनकी आजीविका का राजनीतिकरण न करे.”

केरल में पेंशन में देरी का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, “यह राजनीति का विषय नहीं होना चाहिए और न ही सरकार की इच्छा पर निर्भर होना चाहिए. पेंशन लोगों की आजीविका के लिए महत्वपूर्ण है और इसका भुगतान समय पर किया जाना चाहिए.”

बहुधार्मिक संस्कृति की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा, “यह सच्ची धर्मनिरपेक्ष संस्कृति है जो राष्ट्र और संविधान की सभी बातों का प्रतिनिधित्व करती है. एकता की इस परंपरा को मजबूत करने से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ नहीं है, जिसके साथ हम एकजुट होकर खड़े हो सकें और सभी चीजों का सामना कर सकें. विशेषकर आज जब इतना गुस्सा और विभाजन फैलाया जा रहा है, हमें शांति और विकास के लिए आवाज उठाने की जरूरत है.”

स्थानीय समस्याओं का जिक्र करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि वह मानव-पशु संघर्ष से वाकिफ हैं. वह आज ही एक ऐसे व्यक्ति के परिवार से मिली हैं, जिसे बाघ ने मार डाला था. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों में यह सातवीं घटना है. उन्होंने इस समस्या को सुलझाने की जरूरत पर जोर दिया.

इस दौरान, उनके साथ कांग्रेस के संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल समेत अन्य कांग्रेस नेता मौजूद थे.

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