वाशिंगटन, 15 जून . राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आव्रजन नीतियों के खिलाफ अमेरिका के सभी 50 प्रांतों में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, ग्रामीण समुदायों में छोटे समूहों के एकत्र होने से लेकर न्यूयॉर्क, फिलाडेल्फिया और शिकागो जैसे प्रमुख शहरों में बड़ी रैलियां आयोजित की गईं.
समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रंप के लॉस एंजिल्स में सेना तैनात करने के फैसले के विरोध में पहले से ही बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो चुके हैं. इसी बीच उनकी आव्रजन संबंधी नीतियों को लेकर शनिवार को पूरे देश में विरोध-प्रदर्शन हुए.
अमेरिकी सेना का शनिवार को 250वां वर्षगांठ था. इस अवसर पर वाशिंगटन में ट्रंप ने एक सैन्य परेड आयोजित किया था. ट्रंप ने शनिवार को अपना 79वां जन्मदिन मनाया.
अमेरिकी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, कई समूहों के द्वारा ‘नो किंग्स’ के नारे लगाते हुए विरोध-प्रदर्शन किया गया. ये उन्हीं समूहों का गठबंधन है, जिन्होंने 5 अप्रैल को ‘हैंड्स ऑफ’ बैनर के तले ट्रंप प्रशासन के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया था.
गठबंधन ने शनिवार को ट्रंप और उनके सहयोगियों द्वारा ‘सत्तावादी अतिक्रमण’ के विरोध में हुए प्रदर्शन को ‘अवज्ञा का दिन’ के रूप में भी प्रचारित किया. इस कार्यक्रम की योजना लॉस एंजिल्स और अन्य शहरों में संघीय आव्रजन छापों के विरोध-प्रदर्शनों से पहले से ही चल रही थी.
वाशिंगटन में शनिवार को सैन्य परेड का आयोजन था. इसलिए वहां विरोध-प्रदर्शन नहीं किया गया. ट्रंप ने एक बयान में कहा था कि वाशिंगटन में विरोध-प्रदर्शन करने वाले व्यक्ति के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा.
अटलांटा में प्रदर्शनकारी लिबर्टी प्लाजा में ट्रंप प्रशासन के खिलाफ संदेश वाले पोस्टर लेकर एकत्रित हुए थे. भीड़ ने क्लासिक धुन “टेक मी आउट टू द बॉल गेम” का विरोध संस्करण “टेक ट्रंप आउट ऑफ द व्हाइट हाउस” के रूप में गाया.
नैशविल में टेनेसी स्टेट कैपिटॉल के पास 1,000 से अधिक लोग एकत्र हुए. इन लोगों ने निष्ठा की प्रतिज्ञा ली, जो देशभक्तिपूर्ण कविता है और अमेरिका तथा राष्ट्रीय ध्वज के प्रति निष्ठा का वादा करती है.
पुलिस के अनुमान के मुताबिक, न्यूयॉर्क शहर में लगभग 50 हजार लोग सड़कों पर उतरकर नारे लगा रहे थे, “हमें क्या चाहिए? कोई आईसीई नहीं, हमें कब चाहिए? अभी.” भीड़ ने जो बैनर लहराए, उस पर लिखा था, ‘कोई निर्वासन नहीं’, ‘ट्रंप को जाना चाहिए’, “कोई न्याय नहीं, कोई शांति नहीं’.
समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, पुलिस द्वारा कोई गिरफ्तारी नहीं की गई.
एड्डी बी नामक एक व्यक्ति ने शिन्हुआ को बताया, “ट्रंप अमेरिका का राष्ट्रपति बनकर संतुष्ट नहीं है, बल्कि राजा बनना चाहते हैं. लेकिन, हम ऐसा नहीं होने देंगे.”
न्यूयॉर्क शहर की एक पर्यटक मिंडी डब्ल्यू ने कहा, “हमें आगे आकर उन्हें रोकना होगा, इससे पहले कि बहुत देर हो जाए और हमारा लोकतंत्र हमेशा के लिए खत्म हो जाए.”
कैलिफोर्निया प्रांत में, एक लाख से अधिक प्रदर्शनकारियों ने 200 से अधिक शहरों और कस्बों में प्रदर्शन किया. 3,600 निवासियों वाले पहाड़ी शहर इडिलविल्ड में भी, लगभग 600 लोग सड़कों पर उतरे. प्रदर्शन दक्षिणी कैलिफोर्निया के तट से लगभग 35 किमी दूर एक द्वीप सांता कैटालिना तक देखा गया.
लॉस एंजिल्स में आव्रजन प्रवर्तन नियम को लेकर कई दिनों तक लगातार विरोध-प्रदर्शन देखा जा रहा है. शनिवार को लॉस एंजिल्स में लगभग 25 हजार लोगों ने विरोध-प्रदर्शन में भाग लिया.
कैलिफोर्निया और पूरे देश में निर्वाचित नेताओं और कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को शांतिपूर्ण रहने के लिए प्रोत्साहित किया, और ‘नो किंग्स’ प्रदर्शनों के आयोजकों ने प्रतिभागियों से ‘अहिंसक कार्रवाई’ पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया.
टेक्सस प्रांत के ह्यूस्टन में, आधिकारिक अनुमान के अनुसार, प्रदर्शनकारियों की संख्या 15 हजार से अधिक थी. घटनास्थल पर मौजूद शिन्हुआ के रिपोर्टर के मुताबिक, उनमें से कई लैटिनो और युवा थे, जो शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे थे. एक वक्ता चिल्ला रहा था, ‘कोई राजा नहीं’, हमें डोनाल्ड ट्रंप राजा के रूप में नहीं चाहिए.
मीमा नामक एक वक्ता ने संवाददाताओं से कहा, “यह एक लोकतंत्र है, राजशाही नहीं. आईसीई छापे और सब कुछ ठीक नहीं है. हिंसा और परिवारों को अलग करना ठीक नहीं है.”
ओहायो के ग्रीनविल में, जहां डेमोक्रेट सीमित संख्या में हैं, प्रदर्शनकारियों ने दोपहर में इकट्ठा होना शुरू कर दिया. उन्होंने झंडे लहराए और हाथों में पोस्टर पकड़े हुए शहर के गोल चक्कर पर एकत्र हुए. पुलिस ने चेतावनी दी कि सड़क को अवरुद्ध करने वाले किसी भी व्यक्ति को जेल जाना होगा.
मियामी में, ‘नो किंग्स’ के विरोध में टॉर्च ऑफ फ्रेंडशिप के पास प्रदर्शन हो रहा है, जो शहर के कैरिबियन और लैटिन अमेरिका से संबंध का प्रतीक है. इसमें कई प्रदर्शनकारी अमेरिकी झंडे लहराते दिखे.
मियामी शहर के बिस्केन बुलेवार्ड पर विरोध-प्रदर्शनों की परंपरा के अनुसार, पास से गुज़रने वाली गाड़ियां समर्थन दिखाने के लिए लगातार हॉर्न बजा रही थीं और लोग बर्तन पीट रहे थे.
न्यू जर्सी के मेयर रास बराका एक विरोध-प्रदर्शन से दूसरे की तरफ जाते रहे. उन्होंने बताया, “मुझे पता चला कि जो लोग अप्रवासियों का बचाव नहीं करते, वे मेरा भी बचाव नहीं करेंगे. हमें उस अधिकार का बचाव करना होगा और उसका जोरदार बचाव करना होगा.”
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पीएके/एकेजे