चंडीगढ़, 14 जून . ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ (एक देश, एक चुनाव) को लेकर केंद्र सरकार द्वारा गठित समिति की चंडीगढ़ में आयोजित बैठक में पंजाब की पूर्व Chief Minister राजिंदर कौर भट्टल शामिल हुईं. इस दौरान उन्होंने इस व्यवस्था को अव्यावहारिक और देश के लिए हानिकारक बताया.
समाचार एजेंसी से Saturday को खास बातचीत में भट्टल ने कहा कि देश के हर राज्य की राजनीतिक स्थिति अलग होती है. अगर किसी राज्य की सरकार समय से पहले गिर जाती है, तो क्या उस राज्य को तब तक बिना चुनी हुई सरकार के रखा जाएगा जब तक Lok Sabha चुनाव नहीं होते? उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि सरकार तो मानो ऐसा कह रही है जैसे सिरदर्द की गोली खा लो, चाहे पूरा शरीर दुखता हो. यह सोच अव्यावहारिक है और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के मूल स्वरूप के विपरीत है.
भाजपा की ओर से बार-बार यह तर्क दिया जा रहा है कि ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ से समय और पैसे दोनों की बचत होगी. इस पर भट्टल ने कहा कि मैं समझती हूं कि इसके फायदे कम हैं, नुकसान ज्यादा. उन्होंने कहा कि जो पूरी सिविल एडमिनिस्ट्रेशन है, सुरक्षा व्यवस्था है, अगर आप पूरे देश में एक साथ चुनाव कराएंगे तो उन्हें तैनात करने में संसाधनों की अत्यधिक खपत होगी. क्या दफ्तरों का कामकाज बंद नहीं होगा?
पूर्व Chief Minister ने केंद्र सरकार की मंशा पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा, “मैं नहीं जानती कि इसके पीछे किस पार्टी की क्या मंशा है, लेकिन यह भारत जैसे विविधतापूर्ण लोकतंत्र के लिए उपयुक्त नहीं है. पैसा बचाने के नाम पर लोकतंत्र को ठेस नहीं पहुंचाई जा सकती.”
उल्लेखनीय है कि ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ का कई विपक्षी दलों ने विरोध किया है. उन्होंने इसे संघीय ढांचे पर हमला बताया है. इससे जुड़े विधेयकों की समीक्षा के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन किया गया है. इस समिति में 31 सदस्य हैं, जिनमें से 21 Lok Sabha से और 10 राज्यसभा से हैं. जेपीसी की अध्यक्षता भाजपा सांसद पी.पी. चौधरी को सौंपी गई है.
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पीएसके/एकेजे