बीजिंग, 14 जून . शांगहाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रियों की 9वीं बैठक चीन के सछ्वान प्रांत की राजधानी छंगतू में संपन्न हुई. इस महत्वपूर्ण बैठक में एससीओ सदस्य देशों के बीच विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी नवाचार सहयोग को मजबूत करने के उद्देश्य से कई अहम योजनाओं और रोडमैप की समीक्षा की गई.
बैठक में बहुपक्षीय वैज्ञानिक अनुसंधान परियोजनाओं के चयन में हुई प्रगति पर विस्तार से चर्चा की गई और उपस्थित प्रतिनिधियों ने अपने-अपने देशों की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विकास नीतियों और इस क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के प्रयासों पर विचारों का आदान-प्रदान किया.
इस बैठक का मुख्य लक्ष्य 2024 में एससीओ सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों की परिषद की 24वीं बैठक में बनी सहमतियों को प्रभावी ढंग से लागू करना था. इसी क्रम में “एससीओ सदस्य देशों के कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में सहयोग विकास योजना के कार्यान्वयन के लिए रोडमैप” और “2030 से पहले एससीओ सदस्य देशों के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी नवाचार सहयोग के लिए कार्य योजना” जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों की गहन समीक्षा की गई.
इसके अलावा, एससीओ की बहुपक्षीय वैज्ञानिक अनुसंधान परियोजनाओं के चयन की प्रगति पर भी चर्चा की गई, जो सदस्य देशों के बीच साझा वैज्ञानिक प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है.
चीन के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री यिन हेच्युन ने बैठक में इस बात पर जोर दिया कि हाल के वर्षों में, एससीओ सदस्य देशों ने “शांगहाई भावना” का पालन करते हुए साझा नियति के समुदाय की भावना को मजबूती से स्थापित किया है. उन्होंने बताया कि सभी सदस्य देशों ने अपनी राष्ट्रीय परिस्थितियों और क्षेत्रीय वास्तविकताओं के अनुरूप विकास पथ का दृढ़ता से अनुसरण किया है.
मंत्री यिन ने यह भी उल्लेख किया कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी नवाचार के क्षेत्र में लगातार गहरे हुए पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग ने विकास के नए अवसर प्रदान किए हैं. इन संयुक्त प्रयासों ने एससीओ को वैज्ञानिक और तकनीकी नवाचार के लिए एक मजबूत केंद्र बनाने में मदद की है, जिसने क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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