झारखंड में अबुआ नहीं, बबुआ की सरकार, जनहित से नहीं कोई सरोकार : भाजपा

रांची, 14 जून . भाजपा नेता अमित मंडल ने प्रदेश कार्यालय में Saturday को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्य की हेमंत सोरेन Government पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि Jharkhand Government अपने आप को अबुआ Government कहती है. यह अबुआ Government नहीं, बबुआ Government है. यह कहना अतिशयोक्ति नहीं है कि यह महुआ Government है.

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश Government जो पॉलिसी बना रही है, वह बिना तथ्य और बिना आधार के बना रही है. इसका सबसे बड़ा प्रमाण जेटेट नियमावली में जो क्षेत्रीय और जनजातीय भाषा की सूची तैयार हुई है, उसमें यह बात साफ हो जाएगी. Jharkhand Government को अपने प्रदेश की जानकारी नहीं है. रांची के बगल में खूंटी जिला है और खूंटी में बड़े पैमाने पर जनजाति समाज के लोग हैं. उनकी भाषा मुंडारी है और जेटेट नियमावली में मुंडारी भाषा को हटा दिया गया है.

उन्होंने बताया कि गढ़वा-पलामू में पलमुआ भोजपुरी बोली जाती है. Government को इसकी भी जानकारी नहीं है. संथाल में जाएं तो वहां भी अन्याय हुआ है. गोड्डा-देवघर में स्थानीय भाषा अंगिका है. दूसरी बोलचाल की भाषा कुढ़माली है. Government ने किस आंकड़े के तहत जेटेट की नियमावली को निकाला. जनजातीय क्षेत्रीय भाषा में कहीं कोई तालमेल नहीं दिख रहा है. Government से मेरा सीधा सवाल यह है कि खूंटी से मुंडारी को क्यों हटाया, पलामू-गढ़वा से भोजपुरी हटाया, गोड्डा से अंगिका भाषा को हटाया, गोड्डा से कुढ़माली भाषा को हटाया तो क्यों हटाया गया, यह स्पष्ट करें.

उन्होंने राज्य Government पर भाषायी अस्मिता को खत्म करने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश Government जानबूझकर प्रयास कर रही है कि हमारी आइडेंटिटी और संस्कृति, सभ्यता को मिटाया जा सके. मैं प्रमुख तौर पर गोड्डा की बात करूंगा. रघुवर दास की Government में अंगिका भाषा को तृतीय राज्य भाषा का दर्जा दिया गया था, जब मैंने विधानसभा में अंगिका भाषा में शपथ लिया था. Government को समझ नहीं है कि प्रदेश के किस क्षेत्र में कौन सी भाषा बोली जा रही है.

उन्होंने कहा कि प्रदेश Government के मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने इस पर Government को चिट्ठी भी लिखी है. लेकिन, चिट्ठी लिखने से कुछ नहीं होता है. Government की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है. ‘मंईयां सम्मान योजना’ के तहत जो पैसे बांटे जा रहे हैं, उससे आने वाले समय में यहां के कर्मचारियों को वेतन भी नहीं मिलने वाला है. यह Government सभी मोर्चों पर विफल साबित हुई है.

एकेएस/एबीएम