उत्तर प्रदेश बना उद्यमियों की पहली पसंद, ऑटो मोड में अब एक दिन में रजिस्ट्रेशन

लखनऊ, 14 जून . उत्तर प्रदेश में व्यापार करना पहले से कहीं ज्यादा आसान हो गया है. Chief Minister योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में State government के नीतिगत सुधारों ने ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ को नई गति दी है.

दुकान एवं वाणिज्य अधिष्ठान अधिनियम, 1962 के अंतर्गत व्यापक बदलावों ने न केवल व्यापारियों का विश्वास जीता है, बल्कि पंजीकरण और संचालन में पारदर्शिता, सरलता और गति सुनिश्चित की है.

योगी सरकार की नीतियों से प्रदेश में सरल प्रक्रिया, सुरक्षित वातावरण और तेज प्रगति के साथ उत्तर प्रदेश ‘नए भारत’ के आर्थिक नक्शे पर चमकता सितारा बन रहा है.

योगी सरकार की ऑटो मोड प्रणाली के तहत अब व्यापारी बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के एक ही दिन में अपने प्रतिष्ठान का पंजीकरण करा सकते हैं. इस क्रांतिकारी व्यवस्था ने जहां लंबी प्रक्रियाओं और कार्यालयों के चक्कर से मुक्ति दिलाई, वहीं नवीनीकरण की अनिवार्यता को समाप्त कर व्यापारियों को साल-दर-साल लगने वाली औपचारिकताओं से भी राहत दी है.

यही नहीं, ऐसे प्रतिष्ठान, जिनमें कोई कर्मचारी कार्यरत नहीं है, उन्हें अब पंजीकरण की बाध्यता से पूरी तरह मुक्त कर दिया गया है. इससे छोटे कारोबारियों और स्वरोजगार करने वालों को सीधी राहत मिली है.

योगी सरकार ने प्रदेश में आईटी सेक्टर को भी बढ़ावा देने के उद्देश्य से 24×7 कार्य की अनुमति दे दी है, बशर्ते सुरक्षा मानकों का पालन किया जाए. इससे स्टार्टअप्स, बीपीओ और सॉफ्टवेयर कंपनियों को रात-दिन संचालित रहने का अवसर मिल रहा है, जो राज्य को डिजिटल अर्थव्यवस्था में प्रतिस्पर्धी बनाएगा.

महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के दृष्टिकोण से रात्रिकालीन पाली में कार्य करने की अनुमति भी दी गई है. इसके लिए प्रतिष्ठानों को परिवहन और सुरक्षा से संबंधित शर्तों का पालन करना होगा. यह कदम महिला सशक्तीकरण के साथ-साथ श्रमबल में विविधता को बढ़ाने की दिशा में सराहनीय पहल है. State government की इन पहलों का प्रत्यक्ष प्रभाव भी सामने आया है.

वित्तीय वर्ष 2022-23 (अगस्त 2022 से मार्च 2023) में जहां 27,014 इकाइयों का पंजीकरण हुआ और 1,856.42 लाख का राजस्व प्राप्त हुआ, वहीं 2023-24 में पंजीकृत इकाइयों की संख्या बढ़कर 44,091 हो गई और राजस्व 3,496.94 लाख तक पहुंच गया. वर्ष 2024-25 में अब तक 45,551 इकाइयां पंजीकृत हो चुकी हैं, जिससे 3,770.50 लाख का राजस्व अर्जित हुआ है.

आंकड़े दर्शाते हैं कि किस तरह ये सुधार न केवल व्यापारिक गतिविधियों को गति दे रहे हैं, बल्कि राजस्व में भी अभूतपूर्व वृद्धि कर रहे हैं. इन नीतिगत बदलावों के साथ उत्तर प्रदेश देश के अग्रणी व्यापारिक राज्यों की पंक्ति में मजबूती से खड़ा हो रहा है.

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