इजरायल का ईरान पर हवाई हमला, अमेरिकी विदेश मंत्री बोले- हम इसमें शामिल नहीं

नई दिल्ली, 13 जून . इजरायल ने शुक्रवार सुबह ईरान के खिलाफ बड़े हवाई हमले किए. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया है कि यूएस ईरान के खिलाफ हमलों में शामिल नहीं है.

‘द व्हाइट हाउस’ के ‘एक्स’ हैंडल पर विदेश मंत्री के हवाले से लिखा गया, “आज रात (अमेरिकी समय के अनुसार), इजरायल ने ईरान के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई की. हम ईरान के खिलाफ हमलों में शामिल नहीं हैं. हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता क्षेत्र में अमेरिकी सेना की सुरक्षा करना है.”

उन्होंने आगे कहा, “इजरायल ने हमें बताया कि उनके मुताबिक यह कार्रवाई उनकी आत्मरक्षा के लिए जरूरी थी. राष्ट्रपति ट्रंप और प्रशासन ने हमारी सेना की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाए हैं और हमारे क्षेत्रीय भागीदारों के साथ संपर्क में बने हुए हैं. मैं स्पष्ट कर दूं- ईरान को अमेरिकी हितों या कर्मियों को निशाना नहीं बनाना चाहिए.”

ये हमले तेहरान के परमाणु कार्यक्रम और इजरायल की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए इसके कथित खतरे को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच हुए, जिससे ईरान में तनाव काफी बढ़ गया है. इसके साथ ही लंबे समय से चले आ रहे प्रतिद्वंद्वियों के बीच व्यापक संघर्ष की आशंका भी बढ़ गई है.

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक टेलीविजन चैनल पर कहा कि इजरायल ने ‘अपने अस्तित्व के लिए ईरानी खतरे को कम करने हेतु लक्षित सैन्य अभियान’ शुरू किया है.

नेतन्याहू ने कहा, “यह अभियान तब तक चलेगा, जब तक हमारे खिलाफ विनाश के खतरे को दूर करने का कार्य पूरा नहीं हो जाता.”

इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज ने भी इस हमले की पुष्टि की है, जिन्होंने इसे खतरों को बेअसर करने के उद्देश्य से एक ‘प्रीमेप्टिव स्ट्राइक’ बताया है. कैट्ज ने राष्ट्रीय तैयारियों और नागरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरे इजरायल में आपातकाल की विशेष स्थिति की भी घोषणा की है.

ईरानी स्टेट मीडिया के अनुसार शुक्रवार की सुबह राजधानी तेहरान के कई हिस्सों में जोरदार विस्फोटों की आवाजें सुनी गईं.

ईरान के स्टेट ब्रॉडकास्टर ‘आईआरआईबी’ ने बताया है कि विस्फोटों के स्रोत की अभी तक आधिकारिक रूप से पहचान नहीं की गई है, हालांकि अटकलें लगाई जा रही हैं कि इजरायली हमलों का मकसद सैन्य ढांचों या न्यूक्लियर फैसिलिटी को निशाना बनाना हो सकता है.

इससे पहले सोमवार को, ईरान के शीर्ष सुरक्षा निकाय ने चेतावनी दी थी कि अगर इस्लामिक गणराज्य पर सैन्य हमला होता है, तो उसके सशस्त्र बल तुरंत इजरायल की ‘गुप्त परमाणु सुविधाओं’ को निशाना बनाएंगे.

आरएसजी/केआर