आईसीईए ने टेक्नोलॉजी और एआई इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए उद्योग-व्यापी पहल की शुरू

नई दिल्ली, 3 जून . इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) ने मंगलवार को भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए टेक्नोलॉजी और एआई इनोवेशन को सहयोगात्मक रूप से बढ़ावा देते हुए एक यूनिक उद्योग-व्यापी पहल की घोषणा की.

यह कार्यक्रम कंपनियों को एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग, एआई, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, एनर्जी एफिसिएंसी, मटीरियल साइंस जैसे डोमेन में ट्रांसफोर्मेटिव इनोवेशन से जोड़ेगा.

आईसीईए ने वेंचर कैपिटल फंड कैरेट कैपिटल के सहयोग से एक टेक्नोलॉजी इनोवेशन एक्सेस प्रोग्राम ‘वेंचर एक्सेस लैब्स’ लॉन्च किया.

इस पहल का उद्देश्य भारत की इलेक्ट्रॉनिक्स और उपकरण विनिर्माण कंपनियों को दुनिया भर से कटिंग एज टेक्नोलॉजी और इनोवेशन की खोज, क्यूरेट और अडॉप्शन में सक्षम बना कर सशक्त बनाना है.

आईसीईए के अध्यक्ष पंकज मोहिंद्रू ने कहा, “वेंचर एक्सेस लैब्स के माध्यम से, आईसीईए को इंडियन चैंपियन्स बनाने के विजन के साथ मैन्युफैक्चरिंग एंड इलेक्ट्रॉनिक्स में भारत की स्थिति ग्लोबल हब के रूप में मजबूत करते हुए ग्लोबल इनोवेशन को बढ़ावा देने पर गर्व है.”

उन्होंने कहा, “इंटरनेशनल टेक्नोलॉजिकल एडवांस्मेंट के लिए दरवाजे खोलकर और इनोवेशन पाइपलाइन का निर्माण कर हमारा लक्ष्य भारत की इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षमताओं और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना है, ताकि वैश्विक बाजार में बड़ी हिस्सेदारी हासिल की जा सके.”

इस कार्यक्रम में प्रोक्योरमेंट, प्लानिंग, मैन्युफैक्चरिंग, सप्लाई चेन, फाइनेंस, एचआर, लीगल और ईएसजी सहित कई कार्य शामिल होंगे.

इस कार्यक्रम के माध्यम से, कंपनियों को इनोवेशन ट्रेंड की पहचान, उच्च प्रभाव वाले स्टार्टअप और आईपीएस तक क्यूरेटेड एक्सेस, रणनीतिक मैचमेकिंग और पायलट अवसर, नई टेक्नोलॉजी के लिए अनुकूलित अडॉप्शन और रणनीतिक रूप से प्रासंगिक, जांचे हुए उच्च-क्षमता वाले स्टार्टअप्स में सुविधाजनक निवेश से लाभ होगा.

वेंचर एक्सेस लैब्स के सह-संस्थापक सलिल कपूर ने कहा, “भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स और उपकरण विनिर्माण के लिए टेक-फर्स्ट लेड ग्लोबल लीडरशिप में शिफ्ट होने का समय आ गया है.”

उन्होंने कहा, “यह इनोवेशन कैटेलिस्ट और भागीदार होगा, जो भारतीय विनिर्माण कंपनियों के लिए दुनिया भर से लेटेस्ट तकनीक और गेम-चेंजिंग स्टार्टअप को स्कैन और क्यूरेट करेगा, ताकि वे कम लागत पर उनसे जुड़ सकें.

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