ग्रेटर नोएडा, 2 जून . पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता को प्राथमिकता देते हुए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने ई-वेस्ट के वैज्ञानिक निस्तारण की दिशा में अहम पहल की है.
शहर में बेकार पड़े पुराने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे मोबाइल, लैपटॉप, चार्जर और अन्य ई-वेस्ट को सही तरीके से प्रोसेस कराने के लिए प्राधिकरण ने ‘एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट’ (ईओआई) आमंत्रित किया था, जिसके तहत पांच कंपनियों ने रुचि दिखाई है.
सोमवार को इन सभी कंपनियों ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के समक्ष अपना प्रस्तुतिकरण दिया. प्राधिकरण अब इन कंपनियों को सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया में जुट गया है. सूचीबद्धता पूरी होने के बाद ग्रेटर नोएडा के निवासी अपने पुराने और अनुपयोगी इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों को इन कंपनियों को सौंप सकेंगे. इसके बदले में उन्हें तयशुदा राशि भी प्राप्त होगी, जो प्राधिकरण द्वारा निर्धारित की जाएगी.
यह कदम न केवल शहर को ई-वेस्ट के दुष्प्रभाव से बचाएगा, बल्कि नागरिकों को पुराने सामान से लाभ प्राप्त करने का अवसर भी देगा.
सीईओ एन.जी. रवि कुमार के निर्देशन में स्वास्थ्य विभाग द्वारा ईओआई जारी किया गया था. सोमवार को हुई प्रस्तुतिकरण प्रक्रिया में प्राधिकरण की ओएसडी गुंजा सिंह, वरिष्ठ प्रबंधक चेतराम सिंह और प्रबंधक संध्या सिंह की मौजूदगी रही.
इस दौरान सभी पांच कंपनियों ने ई-वेस्ट संग्रहण और प्रोसेसिंग से जुड़ी अपनी योजनाओं और कार्यशैली को साझा किया. प्राधिकरण की एसीईओ श्रीलक्ष्मी वी.एस. ने बताया कि इन प्रस्तुतियों के आधार पर कंपनियों का चयन किया जाएगा और उन्हें अनुबंधित किया जाएगा. ये कंपनियां ई-वेस्ट को नागरिकों से एकत्र कर अपने प्रोसेसिंग प्लांट तक पहुंचाकर वैज्ञानिक तरीके से निस्तारित करेंगी.
प्रक्रिया पूरी होते ही इन कंपनियों की जानकारी, संपर्क नंबर और इलेक्ट्रॉनिक सामानों के रेट प्राधिकरण की वेबसाइट पर अपलोड कर दिए जाएंगे. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का यह कदम पर्यावरण के प्रति न केवल शहर को स्वच्छ बनाएगा, बल्कि ई-कचरे के खतरों से भी सुरक्षा प्रदान करेगा.
प्राधिकरण इस प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूर्ण करने की दिशा में सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है.
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पीकेटी/एबीएम/एकेजे