हरे निशान में तेजी के साथ खुला भारतीय शेयर बाजार, सेंसेक्स 640 अंक उछला

मुंबई, 26 मई . घरेलू बेंचमार्क सूचकांकों में सोमवार को तेजी दर्ज की गई. भारत ने दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की रैंकिंग में जापान को पीछे छोड़ते हुए नया मुकाम हासिल कर लिया है. भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर यह खबर बाजार में निवेशकों का उत्साह बढ़ाने में मददगार रही.

सुबह करीब 9.32 बजे, सेंसेक्स 640.3 अंक या 0.78 प्रतिशत बढ़कर 82,361.46 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 187.39 अंक या 0.75 प्रतिशत बढ़कर 25,040.45 पर कारोबार कर रहा था.

निफ्टी बैंक 408.25 अंक या 0.74 प्रतिशत बढ़कर 55,806.50 पर कारोबार कर रहा था. निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 426.60 अंक या 0.75 प्रतिशत बढ़कर 57,114.35 पर कारोबार कर रहा था. निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 145.90 अंक या 0.83 प्रतिशत चढ़कर 17,789.25 पर था.

विश्लेषकों के अनुसार, भारत के दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की खबर बाजार के लिए निकट भविष्य में मनोबल बढ़ाने वाली होगी.

सरकार को बजट अनुमान से अधिक लाभांश भुगतान करने वाले आरबीआई के बंपर डिविडेंट पेमेंट से वित्त वर्ष 2026 के लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को 4.4 प्रतिशत पर बनाए रखने में भी मदद मिलेगी.

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा, “इसके परिणामस्वरूप, कम मुद्रास्फीति और घटती ब्याज दर का ट्रेंड बना रहेगा, जो इक्विटी बाजार को समर्थन देना जारी रखेगा. मई की शुरुआत में मजबूत एफआईआई प्रवाह हाल ही में अनिश्चित हो गया है, जो उच्च स्तर पर संभावित बिक्री का संकेत देता है.”

इस बीच, सेंसेक्स पैक में एमएंडएम, पावरग्रिड, एनटीपीसी, टाटा मोटर्स, आईसीआईसीआई बैंक, एसबीआई, टेक महिंद्रा, एलएंडटी, एशियन पेंट्स और एक्सिस बैंक टॉप गेनर्स रहे. जबकि, केवल इटरनल ही टॉप लूजर रहा.

एशियाई बाजारों में बैंकॉक, सोल और जापान हरे निशान में कारोबार कर रहे थे. चीन, हांगकांग और जकार्ता लाल निशान में कारोबार कर रहे थे.

अमेरिकी बाजारों में पिछले कारोबारी सत्र में, डॉव जोन्स 256.02 अंक या 0.61 प्रतिशत की गिरावट के साथ 41,603.07 पर बंद हुआ. एसएंडपी 500 इंडेक्स 39.19 अंक या 0.67 प्रतिशत की गिरावट के साथ 5,802.82 पर और नैस्डैक 188.53 अंक या 1.00 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18,737.21 पर बंद हुआ.

संस्थागत मोर्चे पर, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) शुद्ध खरीदार थे क्योंकि उन्होंने 23 मई को 1,794.59 करोड़ रुपए की इक्विटी खरीदी, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 299.78 करोड़ रुपए की इक्विटी खरीदी.

विशेषज्ञों का कहना है कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर के आंकड़े, अमेरिकी फेडरल रिजर्व मीटिंग मिनट्स और अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़े इस सप्ताह जारी होने वाले आवश्यक आर्थिक संकेतकों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो बाजार की धारणा को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकते हैं.

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के प्राइम रिसर्च के प्रमुख देवर्ष वकील ने कहा, “भू-राजनीतिक अनिश्चितताएं, चालू आय सीजन, संस्थागत पूंजी प्रवाह और डेरिवेटिव एक्सपायरी डेट्स इस अवधि के दौरान भारतीय इक्विटी बाजारों में अस्थिरता के प्राथमिक चालक के रूप में काम कर रही हैं.”

एसकेटी/केआर