‘जगन्नाथ रथ यात्रा’ के लिए रथों का निर्माण कार्य प्रगति पर

पुरी, 25 मई . भगवान जगन्नाथ को समर्पित रथ यात्रा के लिए रथ निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. रथ यात्रा सालाना तौर पर ओडिशा के पुरी में शुरू होती है. इस यात्रा के लिए प्रयोग किए जाने वाले रथ को कुशल कारीगर बनाते हैं. श्री नगर स्थित अस्थायी कार्यशाला में आगामी रथ यात्रा के लिए तीन रथों का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है.

मुख्य रथ निर्माता की देखरेख में 36 पहियों का निर्माण कार्य पूरा करने के बाद 14 नाहका चौपटा, जो रथ का एक हिस्सा होता है, उस पर काम शुरू हो चुका है. तीनों रथों पर एक समान गति से काम चल रहा है.

रथ निर्माण का कार्य समय पूरा हो सके इसके लिए मुख्य रथ निर्माता और सहायक मिलकर काम कर रहे हैं. रथ के अलग अलग भाग को सावधानीपूर्वक तैयार किया जा रहा है.

प्रत्येक रथ के अंतिम दो पहियों का निर्माण कार्य चल रहा है. सिंगारा, जो पहिए का एक हिस्सा है, उसका काम पूरा हो चुका है. पाई (धुरा) बांधने का काम चल रहा है. पाई संयोग (धुरा कनेक्शन) का काम रविवार को होने वाला है. 12 भुई चौटा (रथ के आधार का एक हिस्सा) का चौपटा (ढांचा) का काम पूरा हो चुका है, और बिंधा (रथ के निर्माण का एक हिस्सा) के लिए चिन्हांकन किया गया है. 14 नहाका (रथ के ढांचे का एक हिस्सा) पर भी काम शुरू हो गया है.

रूपकार, जो लकड़ी के नक्काशीदार होते हैं, वे रथ के एक हिस्से के जटिल नक्काशी पर काम कर रहे हैं. सहायक डंडा बिड़िया कांटा, जो रथ के ढांचे का एक हिस्सा होता है, के निर्माण में व्यस्त हैं.

रथ निर्माण का काम अनुभवी महारना और सेवायतों की देखरेख में किया जा रहा है, जो यह सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं कि रथ यात्रा के लिए समय पर तैयार हो जाएं.

रथ निर्माण कार्य में लगे बलराम महापात्र ने कहा, “42 चक्र पहिया का काम खत्म होने वाला है. रथ के अंदर का जो काम होता है वो भी समाप्त होने वाला है. हम जगन्नाथ भगवान के लिए काम कर रहे हैं, इसके लिए बहुत खुश हैं.”

आलोक भुई ने कहा, “पहिया के सिंगड़ा का काम हम जल्द खत्म करने वाले हैं. रथ के अगले और पिछले भाग का निर्माण कार्य चल रहा है. पहियों का काम पूरी तरह खत्म होने में 2-4 दिन का समय लगेगा.”

पीएके/एएस