मिला मैगी ने आरोप लगाकर छोड़ा ‘मिस वर्ल्ड 2025’, केटीआर बोले- होनी चाहिए जांच

हैदराबाद, 25 मई . भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव ने रविवार को मिस इंग्लैंड मिला मैगी के आरोपों की जांच की मांग की. मिला मैगी ने व्यक्तिगत और नैतिक कारणों का हवाला देते हुए हैदराबाद में चल रही मिस वर्ल्ड 2025 प्रतियोगिता से अपना नाम वापस ले लिया है.

केटीआर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “मिस वर्ल्ड जैसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर महिला विरोधी मानसिकता को उजागर करने का साहस दिखाना बहुत बड़ी बात है. मिला मैगी, आप बहुत मजबूत महिला हैं. मुझे खेद है कि आपको तेलंगाना में इस अनुभव से गुजरना पड़ा. तेलंगाना में महिलाओं का सम्मान करने की समृद्ध संस्कृति है. हम उनकी पूजा करते हैं, सम्मान करते हैं और उन्हें समान अवसर प्रदान करते हैं. रानी रुद्रमा और चित्याला ऐलम्मा जैसी महान महिलाएं हमारी धरती से हैं. दुर्भाग्य से, आपने जो अनुभव किया, वह असली तेलंगाना का प्रतिनिधित्व नहीं करता. मुझे उम्मीद है कि आप जल्द ही बेहतर महसूस करेंगी.”

उन्होंने कहा, “एक बेटी के पिता के रूप में, मैं कामना करता हूं कि कोई भी महिला या लड़की को ऐसे भयावह अनुभवों से न गुजरना पड़े. मैं पीड़िता को ही दोषी ठहराने की मानसिकता की कड़ी निंदा करता हूं और मिस इंग्लैंड मिला मैगी द्वारा लगाए गए आरोपों की गहराई से जांच की मांग करता हूं.”

मिला मैगी ने ब्रिटिश अखबार ‘द सन’ को बताया कि प्रतियोगिता का माहौल उनके ‘पर्पसफुल ब्यूटी’ की अपेक्षा से मेल नहीं खाता था. उन्होंने कहा कि प्रतियोगियों को हर समय मेकअप और बॉल गाउन पहनने के लिए कहा गया, यहां तक कि नाश्ते के दौरान भी.

‘द सन’ के मुताबिक, मिला मैगी ने कहा, “सब्र का बांध तब टूटा, जब हमें आयोजन में पैसा देने वाले मध्यम उम्र के पुरुषों के साथ सामाजिक मेल-जोल बढ़ाने को कहा गया, ताकि उनके योगदान के प्रति आभार जताया जा सके.” हालांकि, मिस वर्ल्ड ऑर्गनाइजेशन की अध्यक्ष और सीईओ जूलिया मोर्ले ने दावा किया कि मिला मैगी ने अपनी मां की तबीयत खराब होने की पारिवारिक आपात स्थिति के कारण प्रतियोगिता छोड़ने की इच्छा जताई थी.

उन्होंने कहा, “हमने मिला मैगी की स्थिति को समझते हुए सहानुभूति के साथ तुरंत उन्हें इंग्लैंड वापस भेजने की व्यवस्था की, क्योंकि हमारे लिए प्रतियोगी और उनके परिवार की भलाई सबसे पहले है. दुर्भाग्य से कुछ ब्रिटिश मीडिया संस्थानों ने भारत में उनके अनुभव को लेकर ऐसे झूठे और अपमानजनक बयान छापे हैं, जो कथित रूप से मिला मैगी द्वारा दिए गए हैं. ये आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं और हमारे साथ उनके समय की सच्चाई से मेल नहीं खाते.”

एफएम/केआर