कोहिमा, 22 मई . नागालैंड सरकार ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी रेनी विल्फ्रेड को सेवा से निलंबित कर दिया है. अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि महिला कर्मचारियों द्वारा उनके खिलाफ कई यौन शिकायतों और मानसिक उत्पीड़न की जांच शुरू की गई थी.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नागालैंड के मुख्य सचिव जे. आलम ने बुधवार को अखिल भारतीय सेवा (अनुशासन एवं अपील) नियम, 1969 के प्रावधानों को लागू करते हुए निलंबन आदेश जारी किया.
नागालैंड कैडर के 2015 बैच के आईएएस अधिकारी विल्फ्रेड वित्त विभाग और नागालैंड के निवेश एवं विकास प्राधिकरण (आईडीएएन) में संयुक्त सचिव के पद पर कार्यरत हैं.
अधिकारी ने बताया कि मुख्य सचिव के आदेश में कहा गया है कि निलंबन अवधि के दौरान विल्फ्रेड का मुख्यालय कोहिमा स्थित नागालैंड सिविल सचिवालय में कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग होगा.
इससे पहले 17 मार्च को नागालैंड राज्य महिला आयोग (एनएससीडब्ल्यू) ने आईएएस अधिकारी के खिलाफ पुलिस महानिदेशक रूपिन शर्मा के समक्ष औपचारिक शिकायत दर्ज कराई थी. महिला कर्मचारियों ने विल्फ्रेड पर वेतन वृद्धि और रोजगार के अवसरों के बदले यौन संबंध बनाने का आरोप लगाया था.
हालांकि, विल्फ्रेड ने अपने खिलाफ सभी आरोपों से इनकार किया है.
नागालैंड पुलिस ने पिछले महीने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था और आईएएस अधिकारी द्वारा आईडीएएन की कई महिला कर्मचारियों के यौन और मानसिक उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए एक प्राथमिकी दर्ज की थी.
डीजीपी को लिखित शिकायत सौंपने से पहले एनएससीडब्ल्यू ने पीड़ित महिलाओं के बयान दर्ज किए.
एनएससीडब्ल्यू से शिकायत मिलने के बाद, पुलिस मुख्यालय ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) के प्रावधानों के अनुसार, 25 मार्च को पुलिस उपाधीक्षक रैंक की एक महिला अधिकारी द्वारा प्रारंभिक जांच शुरू की.
प्रभावशाली नागा छात्र संघ ने भी विल्फ्रेड के निलंबन की मांग की.
संघ ने इस बात पर जोर दिया कि उन्हें पद पर बनाए रखना “जनता के विश्वास को कमजोर करता है और एक खतरनाक संदेश देता है कि संस्थागत सुरक्षा जवाबदेही से अधिक महत्वपूर्ण है.”
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एससीएच/एबीएम