उत्तर कोरिया ने युद्धपोत प्रक्षेपण विफल होने के बाद कई क्रूज मिसाइलें दागी

सियोल, 22 मई . दक्षिण कोरिया की सेना ने गुरुवार को कहा कि उत्तर कोरिया की तरफ से पूर्वी सागर की ओर कई क्रूज मिसाइलें दागीं गई हैं. यह घटना प्योंगयांग के एक नए युद्धपोत के प्रक्षेपण के दौरान हुई “गंभीर” दुर्घटना के ठीक एक दिन बाद हुई.

उत्तर कोरिया ने पहले कहा था कि बुधवार को एक नए नौसैनिक विध्वंसक के प्रक्षेपण समारोह के दौरान उसके कुछ हिस्से ‘नष्ट’ हो गए थे. उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन ने इसे एक ‘आपराधिक कृत्य’ बताया जिसे ‘बर्दाश्त’ नहीं किया जा सकता.

ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ (जेसीएस) ने कहा, सुबह करीब 9 बजे दक्षिण हैमग्योंग प्रांत के सोंडोक क्षेत्र से उत्तर कोरिया के मिसाइल प्रक्षेपण का पता चला. हालांकि मिसाइलों की संख्या के बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिली. सेना का मानना ​​है कि मिसाइलों को समुद्री प्लेटफार्म से दागा गया हो सकता है. फिलहाल वे अमेरिकी खुफिया अधिकारियों के साथ विस्तृत विश्लेषण कर रहे हैं.

उत्तर कोरिया ने पिछले साल फरवरी में एक नई सतह से समुद्र में मार करने वाली मिसाइल का परीक्षण किया था. इसका नाम पदसुरी-6 रखा था. अधिकारी इस संभावना की जांच कर रहे हैं कि नवीनतम प्रक्षेपण में एंटी-शिप मिसाइल का एक प्रकार शामिल हो सकता है.

जेसीएस ने कहा कि वह उत्तर कोरियाई गतिविधियों पर बारीकी से नजर रख रहा है और किसी भी उकसावे का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पूरी क्षमता के साथ तैयार है. जेसीएस कहा कि, हम नजर बनाए हुए हैं कि प्योंगयांग मौजूदा सुरक्षा स्थिति का “गलत आकलन” न कर सके.

उत्तर कोरिया ने इस महीने कई सैन्य प्रदर्शन किए हैं, जिसमें 8 मई को पूर्वी सागर में कई छोटी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों का प्रक्षेपण भी शामिल है.

समाचार एजेंसी योनहाप के अनुसार, “दक्षिण की सेना आमतौर पर उत्तर कोरियाई क्रूज मिसाइल प्रक्षेपण की तुरंत घोषणा नहीं करती है, जबकि बैलिस्टिक मिसाइलों पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के तहत प्रतिबंध है.”

बीते 17 मई को उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन ने वायु सेना के उड़ान समूह द्वारा किए गए वायु-विरोधी युद्ध और हवाई हमले के अभ्यासों को देखा था,जिसमें सभी सैन्य इकाइयों को निरंतर और मजबूत युद्ध तैयारियां करने का आदेश दिया था.

कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) ने कहा, “किम ने गुरुवार को कोरियन पीपुल्स आर्मी के गार्ड्स 1 एयर डिवीजन के तहत उड़ान समूह को अपने दौरे के दौरान दिशा निर्देश दिया, जिसमें पूरी सेना की सभी इकाइयों से युद्ध की तैयारियों के अनुसार अपडेट रहने के लिए कहा गया.

केसीएनए के अनुसार, इन अभ्यासों का मकसद फ्लाइंग कोर के साथ-साथ एंटी-एयर मिसाइल, रडार और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर यूनिट्स को दुश्मन की क्रूज मिसाइलों और सुसाइड ड्रोनों का पता लगाने, उन पर नजर रखने और उन्हें नष्ट करने के मिशन से परिचित कराना था.

केसीएनए ने कहा कि अभ्यास में एक नए प्रकार के लंबी दूरी के सटीक ग्लाइड-गाइडेड बम का परीक्षण और लक्ष्य पर हमला करने का अभ्यास शामिल था. साथ ही एक हेलीकॉप्टर से दुश्मन के ड्रोन को नष्ट करने का प्रशिक्षण कार्यक्रम, नौसैनिक लक्ष्यों पर सटीक बमबारी और रणनीतिक, बहुउद्देशीय ड्रोन की उड़ान का प्रदर्शन भी शामिल था.

पीएके/एएस