चेन्नई, 22 मई . तमिलनाडु के डेल्टा जिलों के किसानों ने राज्य सरकार से हाल ही में बेमौसम बारिश से हुए फसल नुकसान का तुरंत आकलन करने और प्रति एकड़ 35,000 रुपये मुआवजे की मांग की है.
विभिन्न किसान संगठनों के नेताओं के अनुसार, तंजावुर जिले में 16 और 17 मई को भारी बारिश के कारण 3,000 एकड़ से अधिक ग्रीष्मकालीन फसलें, जैसे धान, तिल, कपास और काला चना बुरी तरह प्रभावित हुई हैं.
अचानक हुई मूसलाधार बारिश ने केले के बागानों और पान के खेतों को भी भारी नुकसान पहुंचाया है, जिससे क्षेत्र में व्यापक कृषि नुकसान हुआ. बूथलूर, तिरुवोनम, कुंभकोणम और तिरुपनंथल जैसे क्षेत्रों में खेतों में रुके हुए बारिश के पानी ने नुकसान को और बढ़ा दिया.
किसानों ने बताया कि नालियों की खराब रखरखाव और देरी से सफाई के कारण समय पर पानी निकालना असंभव हो गया, जिससे खेत कई दिनों तक डूबे रहे.
तंजावुर किसान संघ के नेता वेल मुरुगन ने कहा कि लंबे समय तक जलभराव के कारण कटाई के लिए तैयार धान की फसल अब अंकुरित हो गई है, जिससे यह बिक्री के लिए अनुपयुक्त हो गई है.
उन्होंने कहा, “धान की पूरी फसल बर्बाद हो गई है. हमने तुरंत अधिकारियों को सूचित किया और प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने व नुकसान का आकलन शुरू करने का आग्रह किया, लेकिन अब तक कोई अधिकारी नहीं आया.”
प्रशासन की निष्क्रियता पर निराशा व्यक्त करते हुए मुरुगन ने कहा कि अगर स्थिति को लगातार अनदेखा किया गया तो किसानों को विरोध करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है. उन्होंने कहा, “हम गंभीर स्थिति में हैं. फसल कटाई के लिए तैयार थी और अब सब कुछ बर्बाद हो गया है. तत्काल हस्तक्षेप की जरूरत है.”
किसान संगठनों ने मांग की है कि राज्य सरकार तुरंत फसल नुकसान का आकलन शुरू करे और किसानों को वित्तीय नुकसान से उबरने के लिए प्रति एकड़ 35,000 रुपये का मुआवजा दे.
उन्होंने कहा कि समय पर सहायता महत्वपूर्ण है, ताकि कर्ज में डूबने से बचा जा सके और अगले मौसम में खेती का काम जारी रखा जा सके.
कावेरी डेल्टा में हजारों परिवारों के लिए कृषि प्राथमिक आजीविका होने के कारण किसानों ने जिला प्रशासन और राज्य अधिकारियों से त्वरित कार्रवाई करने और स्थिति बिगड़ने से पहले राहत प्रदान करने की अपील की है.
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एफएम/केआर