विश्व स्वास्थ्य महासभा में ‘महामारी समझौता’ अपनाए गए

बीजिंग, 21 मई . 78वीं विश्व स्वास्थ्य महासभा ने “विश्व स्वास्थ्य संगठन महामारी समझौते” की समीक्षा की और उसे अपना लिया.

महासभा द्वारा “महामारी समझौते” की समीक्षा और उसे अपनाए जाने के बाद, चीनी प्रतिनिधिमंडल ने चीनी समाचार एजेंसी सिन्हुआ के संवाददाता को बताया कि चीन ने “महामारी समझौते” पर वार्ता में सक्रिय रूप से भाग लिया.

वार्ता के दौरान, चीन ने राष्ट्रपति शी चिनफिंग द्वारा प्रस्तावित मानव जाति के स्वास्थ्य वाले समुदाय के निर्माण की अवधारणा से मार्गदर्शन लेते हुए सच्चे बहुपक्षवाद का पालन किया, सभी देशों से एकजुटता और सहयोग को मजबूत करने की वकालत की, केंद्रीय समन्वयकारी भूमिका निभाने में विश्व स्वास्थ्य संगठन का समर्थन किया, संयुक्त रूप से वैश्विक स्वास्थ्य प्रशासन प्रणाली में सुधार किया और वैश्विक रोकथाम, निवारण और प्रतिक्रिया क्षमताओं को बढ़ाया.

चीनी प्रतिनिधिमंडल के अनुसार, महामारी की रोकथाम और निगरानी जैसे तकनीकी मुद्दों पर, चीन ने वैज्ञानिक भावना का पालन करते हुए प्रस्ताव संशोधन के लिए उचित सुझाव दिए हैं और प्रासंगिक प्रस्तावों के प्रारूप में गहराई से भाग लिया है, जिसने सभी पक्षों के बीच आम सहमति को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

इसके अलावा, चीन ने ब्राजील, इंडोनेशिया, बांग्लादेश और अन्य देशों के साथ मिलकर “समानता के मित्रों के समूह” के ढांचे के भीतर, स्वास्थ्य उत्पादों तक समान पहुंच के लिए विकासशील देशों की उचित मांगों का सक्रिय रूप से जवाब दिया, जिससे एक जिम्मेदार प्रमुख देश की छवि प्रदर्शित हुई.

महासभा में अपने भाषण में विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने कहा कि “महामारी समझौता” डब्ल्यूएचओ और यहां तक कि वैश्विक स्वास्थ्य के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक बन जाएगा और यह मानवता की महामारी की रोकथाम, नियंत्रण और प्रतिक्रिया के अभूतपूर्व स्तर को दर्शाता है.

गौरतलब है कि इस वर्ष 16 अप्रैल को, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने घोषणा की कि तीन वर्षों से अधिक की गहन वार्ता के बाद, सदस्य देश “महामारी समझौते” के मसौदे पर आम सहमति पर पहुंच गए हैं और इसे विचार-विमर्श के लिए 78वीं विश्व स्वास्थ्य सभा में प्रस्तुत किया है.

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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