क्या है ‘ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर’, जिसका कावेरी कपूर ने किया जिक्र

नई दिल्ली, 19 मई . फिल्म निर्माता-निर्देशक शेखर कपूर की बेटी और अभिनेत्री-गायिका कावेरी कपूर ने हाल ही में अपनी एक मानसिक स्थिति का जिक्र किया, जिसे साइकोलॉजिस्ट ऑब्सेसिव-कंपल्सिव डिसऑर्डर (ओसीडी) के नाम से जानते हैं.

कावेरी ने बताया कि उन्हें ओसीडी है और इससे वह कैसे निपटती हैं, इसके बारे में भी जानकारी दी.

बता दें, ओसीडी एक मानसिक डिसऑर्डर है, जिसमें मन में बार-बार एक ही विचार आते हैं, जिसके कारण बेचैनी होती है. जैसे कि दरवाजे में कुंडी लगाना, हाथ धोना या ताला लगाना आदि. ये काम कुछ भी हो सकता है. इससे पीड़ित लोग एक ही तरह के व्यवहार को दोहराते हैं, यदि वे ऐसा न करें तो मन बेचैनी और घबराहट भी होती है. पीड़ित के मन में चलता रहता है कि उसने किसी काम को सही तरह से पूरा किया है या नहीं. आसान शब्दों में कहें तो ओसीडी का मतलब किसी काम को बार-बार करना है चाहे वह हुआ है या नहीं.

इसके उपचार में आमतौर पर मनोचिकित्सक से सलाह और दवा शामिल होती है. समय के साथ यह बढ़ता जाता है. डॉक्टर्स का मानना है कि तनाव, चिंता या जेनेटिक भी इसके पीछे की वजह हो सकती है, जितनी जल्दी ओसीडी के बारे में पता चल जाए, उतना बेहतर होता है. इसके उपचार से बेहतर परिणाम मिलता है.

कावेरी ने ओसीडी पर हाल ही में खुलकर बात की. उन्होंने बताया, “यदि आप ओसीडी के बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं, तो बता दूं कि यह ज्यादा चिंतन या विशेष मानसिक स्थितियों की वजह से होता है. इसमें एक ही विचार बार-बार मन में उठते हैं. मैं सोचती रहती हूं कि क्या मैंने लाइट बंद कर दी है या गीजर बंद कर दिया है, भले ही मुझे पता हो कि मैंने ऐसा किया है – फिर भी मैं इसकी जांच करती रहती हूं और इसके बारे में चिंता करती रहती हूं.”

इसके साथ ही कावेरी ने यह भी बताया कि वह इसे दूर कैसे भगाती हैं. उन्होंने बताया, “मैं ज्यादा से ज्यादा पॉजिटिव रहने की कोशिश करती हूं और विचार आने पर अपना मन दूसरी चीजों पर लगाती हूं.”

हालांकि, ओसीडी का सामना करने वाले सितारों की लिस्ट में केवल कावेरी कपूर का ही नाम शामिल नहीं है.

एक इंटरव्यू के दौरान अभिनेत्री दीपिका पादुकोण ने बताया था कि उन्हें ओसीडी है. हालांकि, उन्हें इससे परेशानी नहीं होती है.

अभिनेत्री विद्या बालन ने भी एक इंटरव्यू में इसका खुलासा किया था कि वह साफ-सफाई के बारे में बहुत सोचती हैं और उन्हें ओसीडी है. बालन ने बताया कि वह थेरेपी की सहायता से खुद को ठीक करने की कोशिश करती हैं.

क्लीवलैंड क्लिनिक में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, ओसीडी एक डिसऑर्डर है, जिसका इलाज संभव है. हालांकि, इसमें समय लग सकता है. साइकोलॉजिस्ट मरीज से बैठकर बात करते हैं और फिर उसके बैकग्राउंड के साथ ही जीवन में चल रही खास बातों को जानने की चेष्टा करते हैं.

इसके साथ ही तनाव कम करने और दिमाग को आराम देने वाली कुछ दवाइयों का भी इस्तेमाल करते हैं.

एमटी/एएस