बहनों को उद्यमी और उद्योगपति बनाने का लक्ष्य : शिवराज सिंह चौहान

भोपाल, 17 मई . केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान इन दिनों असम के प्रवास पर हैं. उन्होंने आजीविका मिशन के स्व-सहायता समूह से जुड़ी बहनों को लेकर कहा कि कोई काम छोटा नहीं होता, दीदियां उद्यमी और उद्योगपति बनेंगी.

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्र सरकार के कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि मैंने यहां आजीविका मिशन के अंतर्गत सेल्फ-हेल्प ग्रुप की जो दीदियां हैं, उनसे मुलाकात की. ये दीदीयां नारी सशक्तिकरण की प्रतीक हैं, महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण तेजी से हो रहा है.

उन्होंने आगे कहा, “मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दूंगा, असम के मुख्यमंत्री हिमंता सरमा को भी धन्यवाद दूंगा कि उनके मार्गदर्शन में यहां आजीविका मिशन एनआरएलएम का काम बहुत अच्छा चल रहा है, यहां सेल्फ-हेल्प ग्रुप बहुत अच्छा काम कर रहे हैं और मुझे खुशी है कि तीन लाख से ज्यादा स्व-सहायता समूह से लाखों दीदियां जुड़ी हुई हैं और आठ लाख से ज्यादा दीदियां लखपति बन गई हैं. मतलब 1 लाख रुपए प्रति वर्ष से ज्यादा कमाती हैं और यहां मिलियन दीदी भी हैं, जिनकी आमदनी 10 लाख रुपए हो गई है. तीन लाख तक आय अर्जित करने वाली दीदियां भी बहुत हैं और हमारा संकल्प है कि किसी बहन की आंखों में आंसू न रहे, वो हाथ न फैलाए. उनमें इतनी ताकत और क्षमता है कि ढंग से अगर दीदियों की ट्रेनिंग हो जाए, बैंक लिंकेज मिल जाए तो वो चमत्कार कर सकती हैं और इन्होंने ऐसा करके भी दिखाया है.”

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि कोई काम छोटा नहीं होता, हर काम बड़ा होता है. अब दीदियां उद्यमी बनेंगी और उद्योगपति बनेंगी. आगे हमारा संकल्प है कि कोई बहन जो गरीब परिवार से आती है, वो सेल्फ-हेल्प ग्रुप से जुड़े बिना न रहे. अलग-अलग काम धंधे करके अपनी आय कमाए और असम में तो असीम क्षमताएं हैं. यहां का लोकल उत्पाद हल्दी, मिर्च से लेकर हर चीज की प्रोसेसिंग, पैकिंग का काम किया जा रहा है और उसे बेचा जा रहा है. यही तो ‘लोकल फॉर वोकल’ है. हमारी जरूरत की चीजें यहीं मिल रही हैं. ये दीदियां स्वावलंबन का काम भी कर रही हैं, खुद की आय भी बढ़ा रही हैं, साथ में असम को और देश को आगे बढ़ा रही हैं.”

उन्होंने असम सरकार की चर्चा करते हुए कहा कि हिमंता सरकार ने हमारी बहनों को स्कूटी भी प्रदान की है ताकि आने-जाने जाने की भी बेहतर व्यवस्था हो सके. दीदियां आगे बढ़ रही हैं और संकल्प यही है कि हमारी हर दीदी लखपति बन जाए.

एसएनपी/एबीएम/एएस