भारतीय जूनियर निशानेबाज साल के पहले वर्ल्ड कप के लिए सुहल रवाना होंगे

नई दिल्ली, 17 मई . 40 भारतीय निशानेबाजों और सहयोगी स्टाफ का पहला दल शनिवार रात जर्मनी के सुहल में होने वाले इंटरनेशनल शूटिंग स्पोर्ट फेडरेशन (आईएसएसएफ) जूनियर वर्ल्ड कप (राइफल/पिस्टल/शॉटगन) के लिए रवाना होगा. यह प्रतियोगिता जूनियर अंतरराष्ट्रीय शूटिंग स्पर्धा कैलेंडर की सबसे प्रतिष्ठित प्रतियोगिता मानी जाती है. आधिकारिक आगमन की तारीख 19 मई है, जबकि मुकाबले 20 मई से शुरू होकर 26 मई 2025 तक चलेंगे.

भारत, जिसने पिछले साल तीन में से दो आईएसएसएफ जूनियर प्रतियोगिताओं में शीर्ष स्थान हासिल किया था, इस बार 57 निशानेबाजों का सबसे बड़ा दल भेज रहा है, जिनके साथ 21 अधिकारी, कोच और सहयोगी स्टाफ भी होंगे. दूसरा दल रविवार, 18 मई को रवाना होगा जिसमें 28 निशानेबाज और 10 सहयोगी स्टाफ होंगे.

जर्मनी में स्थित सुहल, जिसकी आबादी लगभग 40,000 है, लंबे समय से जूनियर शूटिंग सर्किट का एक प्रमुख केंद्र रहा है और यहां से कई भविष्य के ओलंपिक और विश्व चैंपियन उभरे हैं. पिछले साल ओलंपिक वर्ष होने के कारण यह प्रतियोगिता नहीं हो सकी थी, लेकिन इस बार यह पूरी ताकत के साथ लौट रही है. इस वर्ष इसमें 59 देशों के 630 से अधिक खिलाड़ी भाग ले रहे हैं.

सभी 15 ओलंपिक स्पर्धाएं शामिल की गई हैं, साथ ही 50 मीटर राइफल प्रोन स्पर्धा (जूनियर पुरुष और महिला वर्ग) से प्रतियोगिता का पहला दिन शुरू होगा. अंतिम दिन यानी 26 मई को ट्रैप मिक्स्ड टीम स्पर्धा में अंतिम पदक वितरित किए जाएंगे.

भारत की मजबूत टीम में कई प्रमुख नाम शामिल हैं—ओलंपियन राइजा ढिल्लों (स्कीट) और हाल ही में समाप्त हुए निकोसिया शॉटगन वर्ल्ड कप की मिक्स्ड टीम ट्रैप कांस्य पदक विजेता सबीरा हैरिस.

अन्य प्रमुख खिलाड़ियों में शामिल हैं—13 वर्ष की उम्र में जूनियर विश्व चैंपियन बनी नाम्या कपूर, डबल जूनियर विश्व चैंपियन दिवांशी (25 मीटर पिस्टल), वर्तमान जूनियर वर्ल्ड चैंपियन मुकेश नेल्लावल्लि (25 मीटर पिस्टल), एशियन जूनियर चैंपियन हरमेहर लल्ली (स्कीट) और कई बार आईएसएसएफ जूनियर पदक जीत चुके शुभम बिसला व अभिनव चौधरी (एयर पिस्टल).

भारत ने 2023 में हुए पिछले सुहल जूनियर वर्ल्ड कप में छह स्वर्ण, छह रजत और तीन कांस्य पदक जीतकर शीर्ष स्थान प्राप्त किया था और इस बार भी उम्मीदें ऊंची हैं.

शनिवार को रवाना हो रहे कोचों में से एक, डबल ओलंपियन और कई बार के आईएसएसएफ पदक विजेता संजीव राजपूत ने टीम की तैयारियों के बारे में कहा, “पूरी टीम ने राष्ट्रीय शिविर में कड़ी मेहनत की है और अच्छा है कि उनमें से कई अब जूनियर सर्किट में सीनियर बन चुके हैं. उनका अनुभव पहली बार इतनी बड़ी प्रतियोगिता और भव्य स्थान पर खेलने जा रहे खिलाड़ियों की मदद करेगा. युवा खिलाड़ी उत्साहित हैं और पूरी तरह तैयार हैं.”

कुल 36 निशानेबाज सरकारी खर्चे पर जा रहे हैं जबकि, जूनियर वर्ल्ड कप नियमों के अनुसार, 21 निशानेबाज अपने स्वयं के खर्चे पर भाग लेंगे. किसी भी स्पर्धा में एक देश के केवल तीन निशानेबाज ही पदक के लिए प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं, जबकि मिक्स्ड टीम स्पर्धाओं में दो टीमें हिस्सा ले सकती हैं. अन्य खिलाड़ी केवल रैंकिंग पॉइंट्स के लिए शूट करेंगे.

आरआर/