यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-28 में यूपी की पहली सेमीकंडक्टर यूनिट की स्थापना, 3,700 करोड़ का होगा निवेश

ग्रेटर नोएडा, 14 मई . यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में यूपी की पहली सेमीकंडक्टर यूनिट की स्थापना का रास्ता साफ हो गया है. भारत सरकार की कैबिनेट बैठक में बुधवार को यह फैसला लिया गया, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की.

इस महत्वपूर्ण मंजूरी से यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में औद्योगिक विकास को नई दिशा मिलेगी. यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-28 में 48 एकड़ भूमि पर सेमीकंडक्टर यूनिट स्थापित की जाएगी. यह परियोजना वामा सुंदरी इंवेस्टमेंट्स के माध्यम से कार्यान्वित की जाएगी, जो कि फॉक्सकॉन और एचसीएल का संयुक्त उपक्रम है.

फॉक्सकॉन विश्व स्तरीय इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग कंपनी है. वहीं, एचसीएल हार्डवेयर के क्षेत्र में अग्रणी नाम है. इस यूनिट के विकास में कुल 3,700 करोड़ रुपए का निवेश प्रस्तावित है.

यह यूनिट कंपाउंड सेमीकंडक्टर, सिलिकॉन फोटोनिक, सेंसर्स फैब, डिस्केट सेमीकंडक्टर फैब और सेमीकंडक्टर असेंबली, टेस्टिंग, मार्किंग और पैकेजिंग एवं आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट से संबंधित उत्पादन में विशेष योगदान देगी.

उत्तर प्रदेश सेमीकंडक्टर नीति-2024 के तहत इस परियोजना को राज्य सरकार की ओर से अनुमोदन प्राप्त हो चुका है. यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुणवीर सिंह ने इस साल एक मार्च को इस परियोजना के लिए भूमि नियोजन को स्वीकृति दी थी. इसके उपरांत 6 मार्च को वामा सुंदरी के पक्ष में लेटर ऑफ इंटेंट जारी किया गया.

इससे पहले ओसेट यूनिट के लिए सेक्टर-10 में भूमि आवंटन प्रस्तावित था, लेकिन निवेशक की मांग पर इसे सेक्टर-28 में स्थानांतरित कर दिया गया. 25 मई 2024 को जारी पूर्ववर्ती एलओएल के स्थान पर अब संशोधित एलओएल जारी कर दिया गया है. यह भूमि बिजली, पानी और परिवहन जैसी आवश्यक सुविधाओं से सुसज्जित है.

यह परियोजना उत्तर प्रदेश राज्य की औद्योगिक नीति और अन्य संबंधित नियमों के अनुरूप क्रियान्वित की जाएगी. यमुना प्राधिकरण ने निवेशकों को सभी आवश्यक प्रक्रियाओं में पूर्ण सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया है. इस यूनिट की स्थापना से लैपटॉप, मोबाइल फोन, मेडिकल डिवाइस, पावर इलेक्ट्रॉनिक्स और रक्षा उपकरणों के निर्माण को बल मिलेगा, जिससे राज्य और देश दोनों के तकनीकी क्षेत्र में क्रांतिकारी विकास संभव होगा.

यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने कहा, “हम इस परियोजना को सफल बनाने के लिए हरसंभव सहयोग प्रदान करेंगे. यह परियोजना न केवल प्राधिकरण क्षेत्र में, बल्कि पूरे राज्य में सेमीकंडक्टर क्षेत्र के विकास की नींव रखेगी.”

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