एनसीपी के दोनों गुटों के एकजुट होने की कोई चर्चा नहीं : अनिल देशमुख

नागपुर, 14 मई . राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और एनसीपी-शरद पवार (एनसीपी-एसपी) के एकजुट होने के दावों पर महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि दोनों गुटों के एक साथ होने की कोई चर्चा नहीं है.

बुधवार को समाचार एजेंसी से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि भविष्य में चुनाव होंगे, यह तय है. लेकिन, आज तक एनसीपी के दोनों गुटों को एकजुट करने के बारे में कोई चर्चा नहीं हुई है.

नागपुर में शिक्षक भर्ती घोटाले पर अनिल देशमुख ने कहा कि नागपुर जिले में फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति से जुड़ा एक बड़ा शिक्षक भर्ती घोटाला सामने आया है. शिक्षा विभाग के अधिकारी भी कथित तौर पर इसमें शामिल हैं. कथित तौर पर प्रत्येक शिक्षक ने भर्ती के लिए 30-40 लाख रुपए का भुगतान किया. यह हजारों करोड़ों का घोटाला है.

उन्होंने इस घोटाले की जांच रिटायर हाईकोर्ट जज की निगरानी में कराने की मांग की है. उन्होंने कहा कि जांच के दौरान जो भी दोषी हो, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.

भारत के नए मुख्य न्यायाधीश के रूप में बीआर गवई ने शपथ ली. उनके शपथ ग्रहण पर अनिल देशमुख ने कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि उन्होंने आज भारत के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर शपथ ली. उनका जन्म और शिक्षा अमरावती में हुई और बाद में उन्होंने नागपुर में वकालत की, जहां उन्होंने अच्छी प्रतिष्ठा अर्जित की. यह वास्तव में गर्व का क्षण है कि उनके जैसा व्यक्ति मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुआ है.

बता दें कि उच्चतम न्यायालय की आधिकारिक वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई का जन्म 24 नवंबर 1960 को महाराष्ट्र के अमरावती में हुआ.

उन्होंने 16 मार्च 1985 को वकालत की दुनिया में कदम रखा और शुरुआत में दिवंगत राजा एस. भोंसले, जो पूर्व महाधिवक्ता और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश रह चुके हैं, उनके साथ कार्य किया. वर्ष 1987 से 1990 तक उन्होंने बॉम्बे उच्च न्यायालय में स्वतंत्र वकालत की और इसके बाद मुख्य रूप से नागपुर पीठ के समक्ष विभिन्न मामलों की पैरवी करते रहे.

डीकेएम/एबीएम