पीएम मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने यूपीए की तुलना में मुद्रास्फीति नियंत्रण पर किया बेहतर काम : अमित मालवीय

नई दिल्ली, 14 मई . बुधवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों से पता चला है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने यूपीए सरकार की तुलना में खासकर खाद्य और ईंधन में खुदरा मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में बेहतर काम किया है.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर भाजपा आईटी सेल के अध्यक्ष अमित मालवीय की एक पोस्ट के अनुसार, अप्रैल में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 3.16 प्रतिशत पर आ गई, जो कि 2019 से 6 वर्षों में सबसे कम है. जिसने मुद्रास्फीति के लगातार कम होते रहने का ट्रेंड बनाए रखा.

वित्त वर्ष 2024-2025 में खुदरा मुद्रास्फीति 4.6 प्रतिशत रिकॉर्ड की गई थी, जो कि 2018-2019 के बाद से सबसे कम और तीन वर्षों से लगातार गिरने के ट्रेंड को दर्शाता है.

आधिकारिक आंकड़ों के हवाले से उन्होंने कहा, ” यूपीए सरकार के दौरान देखी गई दोहरे अंकों की मुद्रास्फीति (10 प्रतिशत से अधिक) अब चिंता का विषय नहीं है, यह पिछले दशक में प्रभावी शासन और मूल्य नियंत्रण को दर्शाता है.”

उन्होंने आगे कहा, “2014 के बाद से, खुदरा मुद्रास्फीति 8 प्रतिशत से अधिक नहीं हुई है, जबकि यही खुदरा मुद्रास्फीति यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान 2004-14 के औसत 8.1 प्रतिशत और 2009-14 के 10.4 प्रतिशत थी.”

दूसरी ओर, यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान जनवरी 2012 से अप्रैल 2014 की अवधि में, मुद्रास्फीति 28 महीनों में से 22 महीनों में 9 प्रतिशत से ऊपर रही, जो नौ बार दोहरे अंकों में दर्ज की गई.

उन्होंने बताया, “कुल मिलाकर, यह डेटा यूपीए शासन काल की तुलना में एनडीए सरकार के तहत बेहतर मुद्रास्फीति नियंत्रण (विशेष रूप से खाद्य और ईंधन में) का संकेत देता है.”

भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना जैसे कदमों के साथ मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में सफलता प्राप्त की है. इस योजना के तहत 80 करोड़ से अधिक नागरिकों को मुफ्त राशन प्रदान किया जाता है, जिसे 2029 तक आगे बढ़ाया गया है. इसके अलावा, एनएएफईडी, एनसीसीएफ और केंद्रीय भंडार के माध्यम से सस्ती दरों पर अनाज और दालों की खुदरा बिक्री के लिए ‘भारत’ ब्रांड लॉन्च किया गया है.

इसके अलावा, मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) के तहत, दालों का एक गतिशील बफर स्टॉक बनाए रखा जाता है और उपभोक्ताओं को दालों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए बफर से स्टॉक को कैलिब्रेट किया जाता है.

सरकार बाजार में उपलब्धता बढ़ाने और खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने के लिए ओपन मार्केट सेल स्कीम के तहत केंद्रीय पूल से गेहूं और चावल को लगातार खुले बाजारों में ला रही है.

जहां तक ​​ईंधन का सवाल है, एलपीजी सब्सिडी और सिलेंडर की कीमत पीएम उज्ज्वला और नियमित उपभोक्ताओं दोनों को लाभ पहुंचाने के लिए कम कर दी गई है, गैर-सब्सिडी वाले एलपीजी की कीमतों में 100 रुपए प्रति 14.2 किलोग्राम सिलेंडर की कमी की गई है, जो 9 मार्च, 2024 से प्रभावी है.

एसकेटी/केआर