नई दिल्ली, 13 मई | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश के नाम अपने संबोधन में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के लिए जहां सेना के शौर्य की तारीफ की, वहीं इस समय में देशवासियों के समर्थन के लिए उनका आभार भी जताया. साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि पाकिस्तान से अगर बात होगी तो सिर्फ आतंकवाद और पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) के मुद्दे पर. विदेश मामलों के विशेषज्ञ रोबिंदर सचदेव ने प्रधानमंत्री के संबोधन के अहम बिंदुओं पर चर्चा की.
रोबिंदर सचदेव ने मंगलवार को समाचार से बात करते हुए कहा, “पीएम ने अपने संबोधन के दौरान जिन शब्दों का इस्तेमाल किया, देश और दुनिया के लोगों को उन पर ध्यान देना चाहिए. सबसे अहम बातें थीं – ‘सेना को सैल्यूट’, ‘यह युग युद्ध का नहीं है’, ‘आतंक को हम उखाड़ फेंकेंगे’. पीएम के इस बयान से पाकिस्तान को सीखना पड़ेगा कि जिओ और जीने दो. हम पाकिस्तान पर शासन नहीं करना चाहते, वह शांति से रहे और हमें भी रहने दे. अगर वह कोई हरकत करेगा तो फिर उसे मुंहतोड़ जवाब मिलेगा. यह पीएम का स्पष्ट संदेश पाकिस्तान और दुनिया के दूसरे देशों के लिए भी था.”
सचदेव ने कहा कि पाकिस्तान अब परमाणु बम के नाम पर ब्लैकमेल नहीं कर सकता. हमने हालिया संघर्ष में पाकिस्तान के आतंकवादी मारे और उनकी मिलिट्री, जो इसकी आका है, उसे भी निशाने पर लिया. मुझे लगता है कि दो परमाणु संपन्न देशों के युद्ध न करने के अंतर्राष्ट्रीय नियमों में कहीं न कहीं बदलाव हुआ है. इसी वजह से पीएम मोदी ने पाकिस्तान को परमाणु बम के नाम पर ब्लैकमेल न करने की चेतावनी दी है.
भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता के दावे पर रोबिंदर सचदेव ने कहा, “डोनाल्ड ट्रंप को सत्ता में आए सिर्फ तीन महीने हुए हैं. उन्हें अभी चार साल रहना है. अमेरिका हमारा अच्छा दोस्त है और अगले चार साल में हमें डील भी करनी है. लेकिन भारत-पाक संघर्ष विराम के समय जिन शब्दों का इस्तेमाल उन्होंने किया वह उनकी आदत है. वह हर चीज को बड़ा बनाकर पेश करते हैं. हमने व्यापार के नाम पर संघर्ष विराम नहीं किया. हम अपने लक्ष्य को हासिल कर चुके थे, इसलिए हमने हमले रोके. हमारे लिए देश की अर्थव्यवस्था भी अहम है. चीन पाकिस्तान के साथ मिलकर हमारे विकास को रोकना चाहता है. हमें उन्हें सफल नहीं होने देना है.”
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पंकज/एकेजे