नई दिल्ली, 12 मई . भारत और पाकिस्तान डीजीएमओ स्तर की बैठक से पहले कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद विवेक तंखा ने कहा कि यह एक सामान्य प्रक्रिया है. इसके पहले भी भारत के साथ जब भी ऐसी स्थिति बनी तो डीजीएमओ या कोर कमांडर स्तर की बातचीत होती रही है. ये वार्ता भविष्य की रणनीतियों को तय करने के लिए होती है. इसके साथ ही उन्होंने सीज फायर को देशहित में उठाया सही कदम बताया.
समाचार एजेंसी से बातचीत में विवेक तंखा ने सीजफायर समेत तमाम मुद्दों पर अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि सीजफायर सब के हित में था. अगर तनाव परमाणु हमले तक पहुंच जाता तो बहुत बड़ा नुकसान होता और ऐसे नुकसान की भरपाई में सदियां गुजर जाती हैं.
सीजफायर पर डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता को तंखा ने सही नहीं बताया. उन्होंने कहा कि सामान्य तौर पर ऐसी स्थिति में अगर कोई मदद करता है तो वह सामने नहीं आता है, बल्कि एक संयुक्त बयान जारी कर दिया जाता है. सीजफायर के मामले में डोनाल्ड ट्रंप ने मध्यस्थता करने के बाद सोशल पोस्ट डालकर सही नहीं किया. तंखा बोले, “शायद अमेरिका ने अपनी लीडरशिप और महानता दिखाने के लिए ऐसा किया होगा. वह दिखाना चाहता होगा कि दुनिया में किसी भी दो देशों के बीच तनाव होने पर मध्यस्थता हम ही करते हैं. खैर, इन सब से ऊपर उठकर हमें अपने देश के बारे में सोचना है. देश सुरक्षित रहे, उन्नति की ओर अग्रसर रहे.”
इंदिरा गांधी को लेकर कांग्रेस के पोस्ट पर उन्होंने कहा, “इंदिरा अलग तरह की नेता थीं. वह उस वक्त भी सहज और निडर थीं जब शायद भारत इतना शक्तिशाली नहीं था. उन्होंने पाकिस्तान के दो टुकड़े उस समय किए जब हमारे पास इतनी बड़ी सेना भी नहीं थी. भाजपा को तो इंदिरा को सराहना चाहिए. उन्होंने वो कर दिखाया जो मोदी करना चाहते थे. वो एक इतिहास हैं और हम वर्तमान में हैं.”
बता दें कि कांग्रेस के आधिकारिक एक्स हैंडल पर इंदिरा गांधी और पूर्व अमेरिका के राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन की तस्वीर साझा की गई. इसके साथ कांग्रेस ने लिखा, “इंदिरा गांधी ने निक्सन से कहा था- हमारी रीढ़ की हड्डी सीधी है. हमारे पास इच्छा शक्ति और संसाधन हैं कि हम हर अत्याचार का सामना कर सकते हैं. वो वक्त चला गया जब कोई देश तीन-चार हजार मील दूर बैठकर ये आदेश दे कि भारतीय उसकी मर्जी के हिसाब से चले.”
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एएसएच/केआर