पठानकोट : पाक सीमा के पास ढींडा गांव के लोगों ने कहा, ‘पाकिस्तान को और सख्त जवाब देना चाहिए’

पठानकोट, 11 मई . भारत-पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय सीमा से महज 200 मीटर की दूरी पर स्थित पठानकोट के ढींडा गांव में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर राष्ट्रभक्ति और साहस की भावना स्पष्ट देखने को मिली. भारत की ओर से पाकिस्तान को करारा जवाब देने के लिए स्थानीय लोगों ने सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया.

ढींडा गांव के निवासियों ने बताया कि बीते दो-तीन दिन से सीमा पर तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है. हालांकि, इसके बावजूद गांव वालों ने न तो डर दिखाया और न ही अपने घर छोड़े. उनका कहना है कि वे सेना के साथ खड़े हैं और देश के लिए किसी भी स्थिति का सामना करने को तैयार हैं.

स्थानीय लोगों ने बताया कि पाकिस्तान ने एक बार फिर आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की कोशिश की, जिसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया. एक युवक ने कहा, “हालात तनावपूर्ण थे, लेकिन हम डरे नहीं. सरकार ने सही समय पर सख्त कार्रवाई की और हमें उस पर गर्व है.”

गांव वालों ने यह भी बताया कि कुछ ड्रोन गतिविधियां देखी गईं, लेकिन गांव में किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ. उनका मानना है कि पाकिस्तान बार-बार ऐसी हरकतें करता है, इसलिए भविष्य में और भी सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.

ढींडा गांव के एक बुजुर्ग ने कहा, “पाकिस्तान की नीति गलत है, वहां आईएसआई हावी है. आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख ही सही रास्ता है. पीएम मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत जो निर्णय लिए, वह सराहनीय है. हम उनका धन्यवाद करते हैं.”

बॉर्डर के इतने करीब रहकर भी निडरता से खड़े रहना इन ग्रामीणों की देशभक्ति का परिचायक है. ढींडा गांव आज पूरे देश के लिए एक उदाहरण बन गया है कि जब बात मातृभूमि की हो, तो डर का कोई स्थान नहीं होता.

उल्लेखनीय है कि तीन दिन तक चले संघर्ष के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच शनिवार शाम पांच बजे से युद्ध विराम लागू हुआ था. लेकिन कुछ घंटे के अंदर ही पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन किया और सीमा पार से गोलीबारी शुरू की. साथ ही कई शहरों को ड्रोन के जरिए निशाना बनाया.

इससे पहले भारत सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ जारी लड़ाई को लेकर बड़ा फैसला लिया. सरकार ने सख्त संदेश देते हुए कहा था कि भविष्य में कोई भी आतंकी घटना भारत के खिलाफ युद्ध की कार्रवाई मानी जाएगी और उसी के अंदाज में जवाब भी दिया जाएगा.

डीएससी/एकेजे