लखनऊ, 6 मई . पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव और युद्ध की आशंका को देखते हुए भारत ने अपनी तैयारियों को और मजबूत करने के लिए व्यापक कदम उठाए हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर उत्तर प्रदेश सहित देश के कई राज्यों में बुधवार को मॉक ड्रिल का आयोजन किया जा रहा है. इस अभ्यास का उद्देश्य हवाई हमले, ड्रोन अटैक, मिसाइल हमले जैसी आपात स्थितियों से निपटने के लिए नागरिकों को जागरूक करना और प्रशासन की तत्परता को परखना है.
उत्तर प्रदेश के मेरठ, कानपुर, लखनऊ, गोरखपुर, बरेली, बुलंदशहर, संभल सहित 15 जिलों में ब्लैकआउट मॉक ड्रिल का आयोजन होगा. इसके अलावा मध्य प्रदेश, ओडिशा, पंजाब और जम्मू-कश्मीर में भी व्यापक स्तर पर इस तरह के अभ्यास किए जा रहे हैं.
मेरठ में सिविल डिफेंस ने मॉक ड्रिल के लिए व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं. शहर में सात स्थानों पर लगे सायरन की जांच आज शुरू हो गई है, जो आपात स्थिति में नागरिकों को सचेत करने के लिए उपयोग किए जाते हैं. ये सायरन 1962 में लगाए गए थे, जब इनकी संख्या पांच थी, लेकिन अब इनकी संख्या सात हो गई है. सिविल डिफेंस कार्यालय में हुई बैठक में अधिकारियों ने सायरन की कार्यक्षमता सुनिश्चित करने और मॉक ड्रिल के लिए रणनीति तैयार करने पर चर्चा की. इस अभ्यास के दौरान नागरिकों को हवाई हमले और अन्य आपदाओं से बचाव के तरीके सिखाए जाएंगे.
कानपुर में जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में मॉक ड्रिल को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में पुलिस, सेना और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने हिस्सा लिया. बैठक में मॉक ड्रिल की तैयारियों, घायलों को अस्पताल पहुंचाने, प्राथमिक उपचार और अन्य व्यवस्थाओं पर चर्चा हुई. इसी तरह, बरेली में जिलाधिकारी अविनाश सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य की मौजूदगी में कलेक्ट्रेट सभागार में समीक्षा बैठक हुई. अधिकारियों ने मॉक ड्रिल के लिए महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विचार-विमर्श किया और सेना के साथ समन्वय स्थापित करने पर जोर दिया.
बुलंदशहर में मेरठ परिक्षेत्र के एडीजी भानु भास्कर ने मॉक ड्रिल की तैयारियों का निरीक्षण किया. उन्होंने एसएसपी कार्यालय का दौरा कर नागरिक सुरक्षा टीम के साथ व्यापक तैयारियों पर चर्चा की. वहीं, संभल में जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने मॉक ड्रिल को लेकर एक अहम बैठक की. इस बैठक में एनसीसी, एनएसएस, सैनिक कल्याण बोर्ड और अन्य विभागों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. डीएम ने कहा कि मॉक ड्रिल का उद्देश्य न केवल प्रशासन की तैयारियों को मजबूत करना है, बल्कि आम जनता को आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशिक्षित करना भी है.
अयोध्या के जिला अस्पताल अधीक्षक डॉ. ए.के. सिन्हा ने मॉक ड्रिल के संबंध में बताया कि अस्पताल में पर्याप्त मानव संसाधन, स्टाफ नर्स, फार्मासिस्ट, छह इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर और रिजर्व में डॉक्टर तथा वार्ड उपलब्ध हैं. उन्होंने आश्वासन दिया कि किसी भी आपदा से निपटने के लिए अस्पताल पूरी तरह सक्षम है.
मध्य प्रदेश के पांच शहरों में भी मॉक ड्रिल की तैयारियां शुरू हो गई हैं. इंदौर में पहले 12 स्थानों पर सायरन लगे थे, जिन्हें फिर से सक्रिय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स की पहचान कर ली गई है और राज्य सरकार के निर्देशों के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी.
चित्तौड़गढ़ जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षा व्यवस्थाओं की जांच के लिए समय-समय पर मॉक ड्रिल आयोजित की जाती है. इसी क्रम में मंगलवार को जालमपुरा स्थित इंडियन ऑयल डिपो में जिला कलेक्टर आलोक रंजन, पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी, अन्य प्रशासनिक अधिकारियों, और इंडियन ऑयल डिपो के सुरक्षा कर्मियों की मौजूदगी में मॉक ड्रिल आयोजित हुई. इस ड्रिल का मुख्य उद्देश्य आपातकालीन स्थिति में लोगों को सुरक्षित निकालने और विपत्ति से निपटने की तैयारियों को परखना था.
जिला कलेक्टर आलोक रंजन ने बताया कि मॉक ड्रिल में सिविल डिफेंस, इंडियन ऑयल की सुरक्षा टीम और फायर विभाग के कर्मचारियों ने हिस्सा लिया. ड्रिल के दौरान आपात स्थिति में लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने पर विशेष ध्यान दिया गया और परिणाम संतोषजनक रहे. इस अवसर पर प्रादेशिक परिवहन अधिकारी नेमीचंद पारीक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सरिता सिंह सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी उपस्थित थे.
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल के आतंकवादी हमले के बाद केंद्र शासित प्रदेश में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है. भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच जम्मू-कश्मीर के मुबारक मंडी सरकारी गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल में आज एक मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया, जिसमें छात्राओं को संभावित आपातकालीन स्थिति में खुद को बचाने के तरीके के बारे में जागरूक किया गया.
स्कूल की प्रिंसिपल किरण देवी ने समाचार एजेंसी से कहा, “दिशा-निर्देशों के अनुसार, हमने आज यह मॉक ड्रिल की और मुझे विश्वास है कि छात्राओं ने इसे अच्छी तरह से समझ लिया है और सिखाए गए तरीकों को अपनाएंगी.”
छात्राओं ने कहा कि पाकिस्तान को करारा जवाब देने का समय आ गया है और आज की ड्रिल के माध्यम से स्कूल ने उन्हें खुद को और अपने परिवार को बचाने के तरीके बताए हैं.
ओडिशा गृह विभाग ने आपदा प्रतिक्रिया और सुरक्षा समन्वय पर आगामी राज्यव्यापी मॉक ड्रिल के लिए एक उच्च स्तरीय तैयारी बैठक आयोजित की. बैठक गृह सचिव सत्यव्रत साहू और अग्निशमन सेवा महानिदेशक सुधांशु सारंगी के नेतृत्व में लोक सेवा भवन में हुई. ड्रिल के लिए एक व्यापक कार्य योजना तैयार करने के लिए पुलिस, अग्निशमन सेवाओं सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने बैठक में भाग लिया. चर्चाओं में अंतर-एजेंसी समन्वय, प्रतिक्रिया समय, संसाधन परिनियोजन और आपात स्थिति के दौरान सार्वजनिक संचार रणनीतियों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया. किसी भी तरह के हवाई हमले और आकस्मिकताओं के लिए तैयार रहने के लिए 12 जिलों में 7 मई से एक सप्ताह तक मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी, जिसमें जन जागरूकता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.
एनसीसी की महाराष्ट्र इकाई के एडीजी मेजर जनरल योगेंद्र सिंह ने मॉक ड्रिल के बारे में कहा, “एनसीसी के लिए कार्यक्रम गृह मंत्रालय और उच्च मुख्यालय द्वारा नियोजित है. एनसीसी इसमें एक प्रमुख, रचनात्मक भूमिका निभा रही है. हमारे पास ऐसे कैडेट हैं जिन्हें पूरे साल किसी भी ऐसी स्थिति के लिए प्रशिक्षित किया जाता है, चाहे वह शांतिकाल हो या युद्ध. इसलिए, बुधवार का कार्यक्रम योजनाबद्ध तरीके से होगा. यह नागरिक प्रशासन के तहत किया जा रहा है, और हमने इसके लिए तैयारी कर ली है. अभ्यास किए जाएंगे.”
पंजाब के फिरोजपुर में भी मॉक ड्रिल की तैयारियां जोरों पर हैं. डिप्टी कमिशनर दीपशिक्षा शर्मा ने बताया कि शहर और कैंट क्षेत्र में लगे सायरन की जांच की जा रही है. मॉक ड्रिल के दौरान ब्लैकआउट का अभ्यास होगा. उन्होंने नागरिकों से अपील की कि इस दौरान घबराने की जरूरत नहीं है.
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एकेएस/एकेजे