वैश्विक स्तर पर ‘मेड-इन-इंडिया’ कारों की धूम, इन मॉडल्स की मांग अधिक

नई दिल्ली, 6 मई . भारत दुनिया के सबसे बड़े कार बाजारों में से एक है. विश्व के शीर्ष कार ब्रांड्स देश में कारों की मैन्युफैक्चरिंग करते हैं और पूरी दुनिया में बेचते हैं.

भारत में बनने वाली कई गाड़ियां ऐसी हैं, जिनकी मांग भारत में कम है, लेकिन वैश्विक स्तर पर वह धड़ल्ले से बिक रही हैं. इन मॉडल्स में होंडा की सिटी और एलिवेट, निसान की मैग्नाइट, हुंडई की वरना और जीप की मेरिडियन शामिल हैं.

इनमें से कई गाड़ियों को मुख्य रूप से भारतीय बाजारों के लिए डिजाइन किया गया था, लेकिन अब अंतरराष्ट्रीय बाजारों में इन गाड़ियों की मांग अधिक हो गई है.

इसका एक बेहतरीन उदाहरण होंडा एलिवेट है, जिसे सितंबर 2023 में भारत के बढ़ते एसयूवी बाजार में हिस्सेदारी हासिल करने लिए कंपनी ने बड़ी उम्मीदों के साथ लॉन्च किया था, लेकिन घरेलू बाजार में इस गाड़ी की बिक्री कम रही. इस कारण होंडा ने भारत में बनी एलिवेट को जापान जैसे बाजार में निर्यात करना शुरू कर दिया, जहां इसे डब्ल्यूआर-वी के नाम से बेचा जाता है.

वित्त वर्ष 2025 में होंडा ने भारत में एलिवेट की 22,321 यूनिट्स बेचीं, लेकिन 45,167 यूनिट्स का निर्यात किया, जबकि पिछले साल घरेलू बिक्री 33,642 यूनिट्स थी और निर्यात 10,273 यूनिट्स पर था. वित्त वर्ष 2025 में एलिवेट का प्रोडक्शन 54 प्रतिशत बढ़कर 67,488 यूनिट्स हो गया.

हुंडई वरना को लेकर भी ऐसा ही ट्रेंड देखा जा रहा है. कंपनी की ओर से इस सेडान को भारत में 2023 में नए अवतार के साथ लॉन्च किया गया था, लेकिन एसयूवी के बढ़ते चलन के कारण कार की घरेलू बिक्री उम्मीद के मुताबिक नहीं रही. हुंडई ने अपनी उत्पादन क्षमता का इस्तेमाल करने के लिए इस कार को भारत से निर्यात करना शुरू किया.

हुंडई वरना को मध्य पूर्व, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका जैसे बाजारों में अच्छी सफलता मिली, वित्त वर्ष 2025 में 50,000 से अधिक यूनिट्स का निर्यात किया गया.

निसान की ओर से मैग्नाइट एसयूवी को 2020 में लॉन्च किया गया. वित्त वर्ष 24 में भारत में इसके 30,146 यूनिट्स बेचे गए, वहीं, 9,314 यूनिट्स का निर्यात किया गया. वहीं, वित्त वर्ष 25 में घरेलू बाजार में 27,881 यूनिट्स की बिक्री हुई है और 29,155 यूनिट्स का निर्यात किया गया है.

अमेरिकी कार कंपनी जीप ने भी इस ट्रेंड को फॉलो किया है. मेरिडियन का भी अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निर्यात किया गया है, जबकि घरेलू बिक्री कम रही है.

एबीएस/