नई दिल्ली, 5 मई . भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश मजबूती के साथ खड़ा है. उन्होंने दावा किया कि आतंक और आतंकवादियों को पनाह देने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. वहीं, कांग्रेस नेता अजय राय की राफेल को लेकर की गई टिप्पणी को शर्मनाक करार दिया है.
सोमवार को न्यूज एजेंसी से बातचीत के दौरान तरुण चुघ ने यूपी कांग्रेस चीफ अजय राय के ‘राफेल’ पर दिए बयान पर कहा कि कांग्रेस पार्टी दुर्भाग्य से भारत के बहादुर सुरक्षा बलों का मनोबल गिराने के लिए एक सुनियोजित षड्यंत्र चला रही है. जिन हथियारों की हमारे सैनिक पूजा करते हैं और हमारे देश की रक्षा के लिए उपयोग करते हैं, उन्हीं हथियारों का कांग्रेस पार्टी मजाक उड़ा रही है और पाकिस्तान की सहायता करने का अपराध कर रही है. उनके कृत्य निंदनीय, शर्मनाक, अश्लील, मूर्खतापूर्ण और पूरी तरह अनुचित हैं और वे राष्ट्र विरोधी हैं.
दरअसल, पहलगाम आतंकी हमले को लेकर उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि राफेल पर नींबू-मिर्च मैंने नहीं बांधा है. सभी को ध्यान होगा कि जब राफेल भारत आया था, उस समय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उस पर नींबू-मिर्च बांधा था. “राफेल पर नींबू-मिर्च सरकार ने बांधा है, मैं बस याद दिला रहा हूं कि राफेल से नींबू-मिर्च कब हटेंगे और राफेल अपना काम कब करेगा. देश की जनता यह जानना चाहती है. पहलगाम हमले में जो लोग मारे गए, उनका परिवार आज जानना चाहता है कि राफेल नींबू-मिर्च के लिए आया है या फिर अपना काम करने के लिए.
दूसरी ओर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने सुप्रीम कोर्ट में वक्फ कानून की सुनवाई पर कहा कि वक्फ अधिनियम वर्षों से भूमि जिहाद के लिए कानूनी ढाल बन गया था. मोदी सरकार ने अब न्याय की दिशा में पहला निर्णायक कदम उठाया है. अब से वक्फ का पैसा गरीबों, असहायों, विधवाओं, बहनों, अनाथों और वंचित बच्चों के कल्याण के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. पिछड़े, बेसहारा मुस्लिम वक्फ की कमेटियों में जाएंगे. वक्फ भू-माफियों ने करोड़ों रुपये की संपत्तियों पर कब्जा किया था. इसे कांग्रेस का समर्थन मिला. अब कानून हिसाब करेगा. भारत अब तुष्टिकरण की राजनीति से नहीं बल्कि संविधान से चलेगा.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के 1984 के सिख दंगों पर दिए बयान पर तरुण चुघ ने कहा कि सच्चाई यह है कि 40 साल तक कांग्रेस और गांधी परिवार ने सिख विरोधी दंगों के दोषियों को पनाह दी. 1984 में जिस तरह देश के 52 शहरों में सिखों को जलाया गया, सिखों को उनके घरों से निकाला गया, कांग्रेस नेताओं ने यह जानबूझ कर किया. मैं राहुल गांधी से कहना चाहता हूं कि अगर उनमें शर्म होती तो वे जगदीश टाइटलर, कमल नाथ, सैम पित्रोदा, सज्जन कुमार के खिलाफ कार्रवाई करते. उनका बयान सिखों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है.
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डीकेएम/केआर