पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री का ‘एक्स’ अकाउंट भारत में ब्लॉक

नई दिल्ली, 4 मई . जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार पाकिस्तान के खिलाफ लगातार सख्त रुख अपनाती हुई नजर आ रही है. इसके अलावा, सरकार देश के खिलाफ जहर उगलने वाले पाकिस्तानी नेताओं के सोशल मीडिया अकाउंट्स को भारत में बैन कर रही है. इसी कड़ी में रविवार को पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख इमरान खान और विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो के ‘एक्स’ अकाउंट को ब्लॉक कर दिया गया है.

भारत में इमरान खान और बिलावल भुट्टो के एक्स को सर्च करने पर अकाउंट की प्रोफाइल पिक्चर और कवर इमेज ब्लैंक नजर आ रही है. इसके साथ ही एक संदेश भी लिखा हुआ दिख रहा है, जिसमें कानूनी बाध्यता का जिक्र है.

इससे पहले, पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण मंत्री अताउल्लाह तरार के एक्स अकाउंट को भी भारत में बैन कर दिया गया है. तरार ने हाल ही में दावा किया था कि इस्लामाबाद के पास विश्वसनीय खुफिया जानकारी है, जिससे पता चलता है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद नई दिल्ली 24 से 36 घंटे के भीतर पड़ोसी देश पर सैन्य हमला कर सकता है.

इसके अलावा, भारत ने शुक्रवार को ही पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के आधिकारिक यूट्यूब अकाउंट को भी ब्लॉक कर दिया था. शरीफ का चैनल अब तक का सबसे हाई-प्रोफाइल सोशल मीडिया अकाउंट है, जिसे भारत सरकार ने ब्लॉक किया. शहबाज शरीफ के ब्लॉक किए गए प्रोफाइल में लिखा है, “राष्ट्रीय सुरक्षा या सार्वजनिक व्यवस्था से संबंधित सरकार के आदेश के कारण यह कंटेंट फिलहाल इस देश में उपलब्ध नहीं है. सरकार की तरफ से हटाए जाने के अनुरोधों के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया गूगल पारदर्शिता रिपोर्ट देखें.”

भारत सरकार इससे पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के एक्स अकाउंट को ब्लॉक कर चुकी है.

ब्लॉक किए गए प्रमुख यूट्यूब चैनलों में पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब अख्तर, पत्रकार आरजू काजमी और कमेंटेटर सैयद मुज्जमिल शाह के चैनल शामिल हैं. ओलंपियन अरशद नदीम का इंस्टाग्राम अकाउंट और पूर्व क्रिकेटर शाहिद अफरीदी के यूट्यूब अकाउंट भी सस्पेंड किए गए हैं. 30 अप्रैल को, प्रमुख पाकिस्तानी अभिनेत्रियों हनिया आमिर और माहिरा खान के इंस्टाग्राम प्रोफाइल को ब्लॉक कर दिया गया.

केंद्र की मोदी सरकार की ओर से की जा रही ये कार्रवाइयां 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के मद्देनजर की गई, जिसमें 26 लोगों की हत्या कर दी गई थी. इस हमले की जिम्मेदारी प्रतिबंधित पाकिस्तानी आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के प्रतिनिधि ‘द रेजिस्टेंस फोर्स’ (टीआरएफ) ने ली थी. हालांकि, बाद में उसने अपनी संलिप्तता से इनकार कर दिया था.

पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है. नई दिल्ली ने इस्लामाबाद के खिलाफ कई सख्त कूटनीतिक और रणनीतिक कदम उठाए हैं. इनमें 1960 के सिंधु जल समझौते को तुरंत प्रभाव से निलंबित करने, अटारी इंटिग्रेटेड चेक पोस्ट को बंद करने, पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित करना शामिल हैं.

पीएसके/केआर