असदुद्दीन ओवैसी ने जाति जनगणना तत्काल शुरू करने का किया आह्वान

कोलकाता, 3 मई . ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार को देश में जाति आधारित जनगणना तत्काल शुरू करने की मांग की.

पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के सिलीगुड़ी शहर के बाहरी इलाके में बागडोगरा हवाई अड्डे के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी भारत में जाति आधारित जनगणना का समर्थन क्यों कर रही है.

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “जाति आधारित जनगणना तुरंत शुरू होनी चाहिए. मैं केंद्र सरकार से अनुरोध करता हूं कि इस प्रक्रिया के शुरू होने और इसके पूरा होने की समय-सीमा निर्धारित की जाए. पिछली जाति आधारित जनगणना 1931 में हुई थी. जनगणना से पता चलेगा कि किसे क्या लाभ मिल रहा है और किसे नहीं. इससे यह भी पता चलेगा कि किसके पास आवास या जमीन है और किसके पास नहीं है. यह स्पष्ट हो जाएगा कि किस समुदाय ने प्रगति की है और किसने नहीं. इन सभी चीजों को जानने के लिए जाति आधारित जनगणना जरूरी है.”

असदुद्दीन ओवैसी दिल्ली से बागडोगरा हवाई अड्डे पहुंचे और फिर सड़क मार्ग से बिहार के लिए रवाना हो गए. बिहार रवाना होने से पहले हवाई अड्डे पर उन्होंने मीडियाकर्मियों से बातचीत की और वहां उन्होंने जाति आधारित जनगणना पर अपने विचार स्पष्ट रूप से व्यक्त किए.

उन्होंने यह भी कहा, “जाति आधारित जनगणना की वजह से ‘बाहर से आने वाले’ मुसलमानों की स्थिति की भी स्पष्ट तस्वीर सामने आएगी. अमेरिका जैसे देश ऐसी पहलों की वजह से मजबूत हुए हैं और इसलिए यह भारत के लिए भी महत्वपूर्ण है.”

इस दौरान ओवैसी ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में कई पर्यटकों की नृशंस हत्या की भी कड़ी निंदा की. उन्होने कहा कि पर्यटकों को हिंदू के रूप में पहचानकर चुन-चुनकर मारना एक जघन्य अपराध था.

ओवैसी ने कहा, “हमने सुना है कि पाकिस्तान से आए आतंकवादी इस जघन्य हत्या में शामिल थे. सबसे पहले, उन्होंने महिलाओं और बच्चों को अलग किया. इसके बाद पुरुष पर्यटकों से उनके धर्म के बारे में पूछा और उन्हें चुन-चुनकर मारा गया. यह सबसे जघन्य अपराध है. इसलिए हम पाकिस्तान और आतंकवादी समूहों के खिलाफ केंद्र सरकार की किसी भी पहल का समर्थन करेंगे.”

हालांकि, उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी वक्फ कानून के खिलाफ अपना विरोध जारी रखेगी. ओवैसी ने कहा, “यह एक गलत पहल है और असंवैधानिक है. इसलिए हम इसके खिलाफ हैं.”

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