कटक, 2 मई . ओडिशा के माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (बीएसई) ने शुक्रवार को हाई स्कूल सर्टिफिकेट (मैट्रिक) और माध्यमा परीक्षाओं के नतीजे घोषित कर दिए. परिणामों की घोषणा बीएसई कार्यालय, कटक में की गई, जहां स्कूली एवं जनशिक्षा मंत्री नित्यानंद गोंड ने रिजल्ट बुकलेट जारी की.
शिक्षा मंत्री नित्यानंद गोंड ने कहा कि यह सफलता हमारे छात्रों, शिक्षकों और शिक्षा व्यवस्था की कड़ी मेहनत का परिणाम है. सरकार राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए लगातार प्रयासरत है और इन नतीजों से स्पष्ट है कि हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.
इस वर्ष मैट्रिक और माध्यमा परीक्षा में कुल 5,10,779 छात्र शामिल हुए थे, जिनमें से 5,02,417 छात्र मैट्रिक परीक्षा में बैठे और 4,84,557 छात्र सफल हुए. कुल पास प्रतिशत 94.93 प्रतिशत दर्ज किया गया है, जो राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है.
परीक्षा परिणामों में लड़कियों ने लड़कों से बेहतर प्रदर्शन किया है. लड़कियों का रिजल्ट 96 प्रतिशत रहा और 2,44,612 छात्राएं सफल हुईं. वहीं, लड़कों का रिजल्ट 94 प्रतिशत रहा और 2,40,291 छात्रों ने सफलता पाई.
विभाग के अनुसार, एक हजार 812 छात्रों को ए1 ग्रेड, 12 हजार 200 छात्रों को ए2 ग्रेड, 38 हजार 531 छात्रों को बी1 ग्रेड और 84 हजार 972 छात्रों को बी2 ग्रेड मिला.
जिलावार प्रदर्शन में गजपति जिला ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 99.35 प्रतिशत के साथ पहला स्थान हासिल किया, जबकि कोरापुट जिला 92.33 प्रतिशत के साथ सबसे निचला पायदान पर रहा.
बताया जा रहा है कि इस वर्ष तीन हजार 273 स्कूलों का रिजल्ट शत-प्रतिशत रहा जो एक नया कीर्तिमान है.
घोषणा के दौरान स्कूल एवं जनशिक्षा सचिव सलील पंडित, बीएसई अध्यक्ष श्रीकांत तराई, उपाध्यक्ष निहार रंजन मोहंती और सचिव मंजुलता मलिक भी मौजूद रहे.
परीक्षा परिणाम बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट bseodisha.ac.in पर उपलब्ध हैं. इस वर्ष का उत्तीर्ण प्रतिशत पिछले वर्ष की तुलना में कम रहा है. पिछले वर्ष यह दर 96.27 प्रतिशत थी.
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2025 की मैट्रिक परीक्षा 21 फरवरी से शुरू होकर 6 मार्च को समाप्त हुई थी, जिसमें लगभग पांच लाख छात्रों ने भाग लिया था. मध्यमा ओपन स्कूल परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन 19 मार्च से शुरू हुआ था. राज्यभर में 51 केंद्रों पर मूल्यांकन कार्य किया गया, जिसमें लगभग 12 हजार शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी. वहीं, मैट्रिक परीक्षा की ओएमआर उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन राज्य के बाहर किया गया था.
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डीएससी/एकेजे