भारत में आंत्रप्रेन्योरशिप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए नीति आयोग और जीएएमई ने की साझेदारी

नई दिल्ली, 2 मई . नीति आयोग ने शुक्रवार को भारत के राज्यों में वाइब्रेंट आंत्रप्रेन्योरशिप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए ग्लोबल अलायंस फॉर मास आंत्रप्रेन्योरशिप (जीएएमई) के साथ साझेदारी की.

यह सहयोग लोकेशन-बेस्ड हस्तक्षेपों को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगा, जिसकी शुरुआत नागपुर, विशाखापत्तनम और उत्तर प्रदेश में पायलट साइट्स से होगी.

इस सहयोग का उद्देश्य सरकार, कॉरपोरेट, शैक्षणिक संस्थान, वित्तीय संस्थान, चैंपियन उद्यमी और सामुदायिक संगठनों सहित उस विशेष क्षेत्र के आंत्रप्रेन्योरशिप इकोसिस्टम में प्रासंगिक स्थानीय हितधारकों को एक साथ लाकर स्थानीय उद्यमियों को सशक्त बनाना है.

नीति आयोग में इंडस्ट्री/एमएसएमई वर्टिकल के कार्यक्रम निदेशक इश्तियाक अहमद ने कहा, “हमारा दृष्टिकोण सभी क्षेत्रों में एंड-टू-एंड सुविधा और सहयोग पर आधारित है. स्थानीय उद्यमियों और चैंपियनों के साथ मिलकर काम करने, उनकी जरूरतों को समझने, उनकी चुनौतियों का समाधान करने में उनका समर्थन करने के लिए बॉटम-अप अप्रोच का लाभ उठाने की आवश्यकता है.”

इस साझेदारी के तहत, पायलट साइट्स जीएएमई की सिद्ध पद्धतियों को लागू करेंगी, जो उद्यमियों को व्यवसाय शुरू करने और बढ़ाने में सक्षम बनाने पर ध्यान केंद्रित करती हैं.

इन हस्तक्षेपों में वित्त तक पहुंच, क्षमता निर्माण कार्यक्रम, नीति वकालत और समुदाय-संचालित पहल शामिल हैं. साझेदारी का अंतिम लक्ष्य आत्मनिर्भर इकोसिस्टम बनाना है, जो व्यापक रोजगार के अवसर पैदा कर सके.

जीएएमई के ​​अध्यक्ष केतुल आचार्य ने कहा, “जीएएमई में हमारा मानना है कि उद्यमिता में जीवन और समुदायों को बदलने की शक्ति है. नीति आयोग के साथ हमारी साझेदारी हमारे मिशन ‘लाखों लोगों को व्यवसाय शुरू करने और बढ़ाने में सक्षम करना’ को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें स्थानीय जरूरतों और दूसरे बाजारों की सेवा करने के लिए स्थानीय इनपुट का इस्तेमाल किया जाएगा.

आचार्य ने कहा, “साथ मिलकर, हमारा लक्ष्य ऐसा संपन्न लोकल इकोसिस्टम बनाना है, जो इनोवेशन को प्रेरित करे और समावेशी विकास को बढ़ावा दे.”

जीएएमई 2018 में लॉन्च किया गया था, जो बड़े पैमाने पर उद्यमिता को बढ़ावा देने में सबसे आगे रहा है. जीएएमई ने पूरे भारत में उद्यमियों की क्षमता को पेश करने के लिए रिसर्च, पायलट कार्यक्रमों और नीति वकालत के माध्यम से अथक प्रयास किए हैं.

जीएएमई की पहलों ने महिला उद्यमियों को सशक्त बनाया है, एमएसएमई इकोसिस्टम को मजबूत किया है और वंचित क्षेत्रों में स्थायी व्यापार मॉडल को बढ़ावा दिया है.

यह सहयोग प्रत्येक क्षेत्र की अनूठी चुनौतियों के अनुरूप स्थानीय समाधान तैयार करेगा. यह उद्यमिता के लिए प्रणालीगत बाधाओं को संबोधित करेगा और इसे एक ऐसे आंदोलन में बदल देगा जो आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा देगा.

एसकेटी/एबीएम