अमृतसर, 2 मई . पंजाब और हरियाणा के बीच पानी के मुद्दे पर चल रहे विवाद पर किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के नेता सरवन सिंह पंढेर ने शुक्रवार को कहा कि पानी का मुद्दा अंतर्राष्ट्रीय कानून का मामला है. इस कानून में यह माना गया है कि जहां से नदी गुजरती है, वहां के लोगों का पानी पर पूरा अधिकार है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्यों के मुख्यमंत्री इस पर बहस कर रहे हैं. वे पानी के मुद्दे पर राजनीति करके केवल अपना वोट बैंक मजबूत कर रहे हैं.
सरवन सिंह पंढेर ने शंभू और खनौरी के ऊपर जो कुछ भी किया, वह केंद्र के इशारे पर किया. हमारी लड़ाई केंद्र के साथ थी, तो 350 करोड़ पंजाबियों की पीठ पर छुरा क्यों घोंपा गया?
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने समाचार एजेंसी को बताया कि शुक्रवार को खालसा कॉलेज में पंजाब के मुख्यमंत्री को आना था, लेकिन कुछ मुद्दों के कारण उनका न आना भाजपा और ‘आप’ के बीच गठबंधन का प्रतीक है. अब भगवंत मान ने अपनी उंगली पर खून लगाकर शहीद बनने के लिए पानी का मुद्दा उठाया है, जो कि केंद्र के इशारे पर किया जा रहा सब ड्रामा है. भाजपा जम्मू-कश्मीर में जाति और धर्म की राजनीति कर रही है तथा पंजाब में पानी के मुद्दे को उछाला जा रहा है और राजनीतिक लड़ाई लड़ी जा रही है.
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि गेहूं में लगी आग और ओलावृष्टि से हुए नुकसान पर 50 हजार रुपए का मुआवजा, शंभू-खनौरी पर हुए नुकसान में सामान की भरपाई का सवाल, माताओं और बहनों पर जिन अधिकारियों ने जुल्मकिए, उन पर कार्रवाई करते हुए उन्हेंसस्पेंड करने जैसे कई सवाल को लेकर डीसी कार्यालय की तरफ रवाना होंगे.
किसान नेता ने कहा कि मोदी सरकार जब से आई है, तब से देश में केंद्रीकरण हुआ है. फेडरल ढांचे को बहुत नुकसान पहुंचाया गया है. शिक्षा का केंद्रीकरण किया गया, पानी राज्यों का विषय है, उसका भी केंद्रीकरण हो रहा है. एक देश-एक चुनाव पर भी ज्यादातरराज्य सहमत नहीं हैं.
उन्होंने कहा कि अमृतसर कार्यक्रम की सफलता का मुख्य कारण यह है कि ‘आप’ सरकार किसानों के विरोध को दबाने में विफल रही है. पंजाब में न तो नशा खत्म हुआ है और न ही किसानों का कोई मुद्दा सुलझा है. हम किसानों के मुद्दे को लेकर डीसी कार्यालय की ओर मार्च करेंगे.
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आशीष/एकेजे