अमृतसर, 1 मई . भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव का खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है. ताजा मामला उत्तर प्रदेश की रहने वाली नमरा नामक महिला की है, जो अपने ढाई साल की बेटी को पाकिस्तान में छोड़ भारत आई थी. लेकिन, अब वह पाकिस्तान वापस नहीं लौट पा रही हैं. इसके पीछे की वजह उनका भारतीय पासपोर्ट और भारत-पाकिस्तान के बीच उपजा तनाव है.
करीब साढ़े तीन साल पहले नमरा की शादी पाकिस्तान के लाहौर में हुई थी. शादी के बाद वह पाकिस्तान में अपने पति और ससुराल वालों के साथ रहने लगी थीं. नमरा ने बताया कि वह अपनी बेटी को लाहौर में ही छोड़कर 5 अप्रैल को भारत में अपने मायके आई थी. वह नूरी वीजा पर भारत आई थीं, जिस पर कोई एक्सपायरी डेट नहीं होती. नमरा ने सोचा था कि वह जल्द पाकिस्तान लौट जाएगी. लेकिन, इस बीच पहलगाम में हुई घटना के बाद दोनों देशों के रिश्तों में अचानक तनाव आ गया.
इस हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ भारत सरकार द्वारा लिए गए फैसले ने नमरा को मुश्किल में डाल दिया. नमरा की कोशिश है कि वह जल्द से जल्द पाकिस्तान लौटें, जहां उनकी बेटी अपने दादा-दादी के पास है और मां के लिए रो रही है. लेकिन, भारतीय पासपोर्ट के कारण उन्हें वाघा बॉर्डर पार करने की इजाजत नहीं मिल रही है. नमरा की आंखों में अपनी मासूम बेटी की तड़प साफ झलक रही है.
नमरा के भाई रहीस अहमद ने से बात करते हुए कहा कि कोई नहीं चाहता कि माहौल खराब हो. ना भारत वाले चाहते हैं, ना पाकिस्तान वाले. आम आदमी सिर्फ शांति चाहता है. मेरी बहन की बेटी वहां बहुत परेशान है, सिर्फ ढाई साल की है. हम सरकार से अपील करते हैं कि हमारी बहन को वापस अपने ससुराल जाने दिया जाए, ताकि वह अपनी बेटी से मिल सके.
वहीं, नमरा ने भावुक होते हुए कहा कि पहलगाम में जो भी हुआ, वह गलत हुआ. लेकिन करता कोई है, भुगतता कोई और है. हम इस उम्मीद से आए थे कि कुछ दिन अपने मायके में रहकर वापस लौट जाऊंगी. लेकिन अब तो बेटी की याद और चिंता में हर दिन मुश्किल हो रहा है.
–
पीएसके/