पहलगाम टेरर अटैक : ‘इस हमले से जिंदगी थम गई, अब क्या करें’, टट्टू चलाने वालों ने बयां किया दर्द

रियासी, 1 मई . जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद रियासी जिले स्थित शिवखोड़ी तीर्थस्थल पर आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या में गिरावट दर्ज की जा रही है. लोग यहां आने से गुरेज कर रहे हैं और अपनी टिकट भी कैंसिल करा रहे हैं. इससे उन लोगों पर गहरा असर पड़ रहा है, जिनकी आजीविका पर्यटन से जुड़ी हुई है. खासकर, टट्टू चलाने वालों की आजीविका पर इस टेरर अटैक की वजह से गहरा असर पड़ा है.

टट्टू चलाने वाले मोहम्मद सादिक कहते हैं कि पहले यहां स्थिति बिल्कुल ठीक थी. लोग बड़ी संख्या में यहां आते थे. हमें भी बहुत अच्छा लगता था. हमारा काम भी अच्छा चलता था, लेकिन पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से तीर्थयात्रियों की संख्या में काफी गिरावट दर्ज की जा रही है. इससे हमें बहुत दिक्कत हो रही है.

उन्होंने आगे कहा कि हमारी जिंदगी तो यात्रियों पर ही आश्रित है. हम उनके बिना क्या कर सकते हैं. हमारा जीवन तो उनसे ही चल रहा है, लेकिन अब यहां नहीं आ रहे हैं. हालांकि, यहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. यहां बड़ी संख्या में पुलिस बल, सीआरपीएफ और सेना की तैनाती है, लेकिन शायद हाल ही में जिस तरह से पहलगाम में लोगों को मारा गया, उसकी वजह से लोगों में डर है और वे यहां से गुरेज कर रहे हैं. यहां जो बचे-खुचे यात्री हैं, हम उन्हें लगातार यही विश्वास दिला रहे हैं कि आप लोगों को बिल्कुल भी घबराने की जरूरत नहीं है. आप लोग बिल्कुल सुरक्षित हैं.

सादिक कहते हैं कि हमारा काम तो पूरी तरह से यात्रियों पर ही आश्रित है. अगर वे नहीं आएंगे, तो हमारी जिंदगी कैसे चलेगी. हमले से पहले हमारा काम अच्छा चलता था. हम तीन-चार फेरी रोज लगाते थे, लेकिन जब से यह हमला हुआ है, तब से इस तरह की स्थिति पैदा हुई है. उम्मीद है कि जल्द ही स्थिति सामान्य हो जाएगी और बड़ी संख्या में यात्री यहां आने लगेंगे.

वहीं, एक अन्य टट्टू चलाने वाले अश्विनी कुमार ने बताया कि हमारा जीवन ही पर्यटकों की वजह से चलता था, लेकिन पहलगाम में हुए टेरर अटैक के बाद लोग यहां आने से बच रहे हैं. पिछले साल हमारा बहुत अच्छा काम चला था. लेकिन, इस बार तो सब कुछ ठप हो गया.

उन्होंने कहा कि अगर यहां पर्यटक नहीं आएंगे, तो हमारा काम कैसे चलेगा. हमारा जीवन कैसे चलेगा. हमारा काम तो उनकी वजह से ही चलता था. यहां कोई दूसरा काम करने के लिए कुछ नहीं है. ऐसी स्थिति में हमारे पास रोजगार का संकट है. कुछ समझ नहीं आ रहा है कि क्या किया जाए?

बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकी हमला हुआ था. इस हमले में 26 निहत्थे लोग मारे गए थे. हमले के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए. केंद्र सरकार ने 1960 में हुए सिंधु जल समझौते को निलंबित कर दिया था, तो वहीं दूसरी तरफ भारत में रह रहे सभी पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने का फरमान सुना दिया था.

एसएचके/केआर