पटना, 1 मई . पूर्व विधायक और बाहुबली नेता अनंत सिंह, जिन्हें ‘छोटे सरकार’ के नाम से जाना जाता है, बुधवार को पटना के बेउर सेंट्रल जेल से एक दिन के पैरोल पर रिहा होने के बाद नाटकीय ढंग से सार्वजनिक रूप से वापस आ गए.
बाढ़ अनुमंडल के अंतर्गत अपने पैतृक गांव लदमा में एक शादी समारोह में पत्रकारों से संक्षिप्त बातचीत में सिंह ने एक चौंकाने वाला दावा किया.
उन्हें कहा, “मुझे मोकामा का टिकट मिल गया है. गांव में वापस आकर अच्छा लग रहा है. मैं रात यहीं रुकूंगा और कल पटना लौटूंगा. उम्मीद है कि मैं 10 से 20 दिनों के भीतर जेल से रिहा हो जाऊंगा.”
इस बयान से उनके समर्थकों में खुशी और उत्सुकता देखी गई, जिनमें से कई का मानना है कि सिंह की रिहाई स्थानीय राजनीतिक समीकरणों को बदल सकती है, खासकर मोकामा क्षेत्र में, जहां उनका काफी प्रभाव है.
सिंह को पारिवारिक विवाह समारोह में शामिल होने की अनुमति देने के लिए एमपी/एमएलए कोर्ट ने एक दिन की पैरोल दी थी. अनंत सिंह बाढ़ अनुमंडल के अपने पैतृक गांव लदमा पहुंचे, जहां समर्थकों की एक बड़ी भीड़ ने नारे और जयकारे लगाकर उनका स्वागत किया.
अपने नेता को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी और सभा में “छोटे सरकार जिंदाबाद” के नारे गूंजने लगे. सिंह अपने चचेरे भाई बिरंची सिंह की बेटी की शादी में शामिल होने गए थे. इस कार्यक्रम में उनकी मौजूदगी ने लोगों को आकर्षित किया और गांव के लोग और समर्थक भावुक और उत्साहित नजर आए.
अनंत सिंह नौरंगा-जलजपुर गांव में इस साल 23 जनवरी को हुई गोलीबारी की घटना के बाद से बेउर जेल में बंद हैं. इस घटना में पूर्व विधायक अनंत सिंह और सोनू-मोनू गिरोह के बीच 200 से अधिक राउंड फायरिंग हुई थी. नौरंगा-जलालपुर सोनू-मोनू का पैतृक गांव है और अनंत सिंह वहां सोनू-मोनू गिरोह द्वारा कथित तौर पर कब्जा किए गए एक घर को छुड़ाने गए थे. 24 जनवरी को अनंत सिंह ने बाढ़ अनुमंडल न्यायालय में आत्मसमर्पण किया था. उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है और फिलहाल वे बेउर जेल में बंद हैं. अनंत सिंह ने मोकामा से राजद के टिकट पर बिहार विधानसभा चुनाव 2020 जीता था.
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एससीएच/