केंद्र सरकार ने गन्ने पर एफआरपी को 355 रुपए प्रति क्विंटल तक बढ़ाया, 5 करोड़ किसानों को मिलेगा फायदा

नई दिल्ली, 30 अप्रैल . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने बुधवार को किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए 2025-26 चीनी सीजन (अक्टूबर-सितंबर) के लिए 10.25 प्रतिशत बेसिक रिकवरी रेट के लिए गन्ने के फेयर एंड रिमुनरेटिव प्राइस (एफआरपी) को बढ़ाकर 355 रुपए प्रति क्विंटल करने को मंजूरी दे दी.

चीनी सीजन 2025-26 के लिए एफआरपी मौजूदा चीनी सीजन 2024-25 से 4.41 प्रतिशत अधिक है.

एफआरपी एक बेंचमार्क मूल्य होता है. इसके नीचे कोई भी चीनी मिल किसानों से गन्ने की खरीद नहीं कर सकती है.

इसमें 10.25 प्रतिशत के अतिरिक्त रिकवरी में प्रत्येक 0.1 प्रतिशत की वृद्धि के लिए 3.46 रुपए प्रति क्विंटल का प्रीमियम और रिकवरी में प्रत्येक 0.1 प्रतिशत की कमी के लिए एफआरपी में 3.46 रुपए प्रति क्विंटल की कटौती का भी प्रावधान है.

आधिकारिक बयान में कहा गया कि सरकार ने गन्ना किसानों के हितों की रक्षा के लिए यह भी फैसला किया है कि जिन चीनी मिलों की रिकवरी 9.5 फीसदी से कम है, वहां कोई कटौती नहीं की जाएगी. ऐसे किसानों को आगामी चीनी सीजन 2025-26 में गन्ने के लिए 329.05 रुपए प्रति क्विंटल मिलेंगे.

चीनी सीजन 2025-26 के लिए गन्ने की उत्पादन लागत (ए2+एफएल) 173 रुपए प्रति क्विंटल है. 10.25 प्रतिशत की रिकवरी रेट पर 355 रुपए प्रति क्विंटल का यह एफआरपी उत्पादन लागत से 105.2 प्रतिशत अधिक है.

चीनी क्षेत्र एक महत्वपूर्ण कृषि आधारित क्षेत्र है, जो लगभग 5 करोड़ गन्ना किसानों व उनके आश्रितों और चीनी मिलों में प्रत्यक्ष रूप से कार्यरत लगभग 5 लाख कर्मचारियों के अलावा कृषि श्रम और परिवहन सहित विभिन्न सहायक गतिविधियों में कार्यरत श्रमिकों की आजीविका को प्रभावित करता है.

पिछले चीनी सीजन 2023-24 में देय 1,11,782 करोड़ रुपए के गन्ना बकाये में से इस साल 28 अप्रैल तक किसानों को लगभग 1,11,703 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है, यानी 99.92 प्रतिशत गन्ना बकाया चुकाया जा चुका है.

चालू चीनी सीजन 2024-25 में देय 97,270 करोड़ रुपए के गन्ना बकाये में से 28 अप्रैल तक किसानों को लगभग 85,094 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है, जो कि चुकाए जा रहे गन्ना बकाये का 87 प्रतिशत है.

एबीएस/