नई दिल्ली, 30 अप्रैल . केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बुधवार को कहा है कि आगामी जनगणना में जातिगत गणना को शामिल करने का निर्णय लेकर सामाजिक समानता और हर वर्ग के अधिकारों के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता का संदेश दिया गया है. अमित शाह ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि दशकों तक सत्ता में रहते हुए जातिगत जनगणना का विरोध किया और विपक्ष में रहते हुए इस पर राजनीति की.
अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “सामाजिक न्याय के लिए संकल्पित मोदी सरकार ने आज एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज हुई सीसीपीए की बैठक में, आगामी जनगणना में जातिगत गणना को शामिल करने का निर्णय लेकर सामाजिक समानता और हर वर्ग के अधिकारों के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता का संदेश दिया गया है.”
शाह ने कहा, “कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने दशकों तक सत्ता में रहते हुए जातिगत जनगणना का विरोध किया और विपक्ष में रहते हुए इस पर राजनीति की. इस निर्णय से आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े सभी वर्गों का सशक्तिकरण होगा, समावेशन को बढ़ावा मिलेगा और यह वंचितों की प्रगति के नए मार्ग प्रशस्त करेगा.”
वहीं, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक्स पर कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय कैबिनेट ने जनगणना में जातिगत आधारित जनगणना को भी सम्मिलित कराने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है. ये निर्णय आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक स्तर पर पिछड़ी हुई जातियों को मुख्य धारा में लाने तथा लंबे समय से अपने हक और अधिकार से अछूते लोगों को उनका सम्मान वापस लौटाने की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है. कांग्रेस ने लंबे समय तक जातियों के बीच वैमनस्यता बढ़ाने तथा उन्हें वोट बैंक का साधन बनाकर अपने राजनीतिक स्वार्थ को सिद्ध किया है. सरकार में रहते हुए कांग्रेस ने सदैव जाति जनगणना का विरोध किया, जिसका प्रमाण है कि स्वतंत्रता के बाद देश में आज तक जातिगत जनगणना नहीं हुई है.”
उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार का यह अभूतपूर्व निर्णय सामाजिक समरसता के विस्तार के साथ ही हर वर्ग के उत्थान एवं पिछड़े तबके के सम्मान को बढ़ाने में मील का पत्थर बनेगा. सर्व समाज के कल्याण करने के लिए इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करता हूं.
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