कोलकाता, 29 अप्रैल . हुबली-धारवाड़ महानगर कांग्रेस नेता निरंजन हिरेमठ की बेटी नेहा हिरेमठ की हत्या के मामले में एक साल बाद ट्रायल शुरू हो गया. यह सुनवाई हुबली के प्रथम अतिरिक्त जिला न्यायालय में जज परमेश्वर प्रसन्ना की अध्यक्षता में की गई.
इस बहुचर्चित मामले में नेहा के पक्ष से वरिष्ठ अधिवक्ता महेश वैद्य वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में पेश हुए, जबकि आरोपियों की ओर से कानूनी सेवा आयोग द्वारा नियुक्त अधिवक्ता मौजूद रहे. वहीं, मुख्य आरोपी फैयाज ने वरिष्ठ अधिवक्ता जेडआर मुल्ला की ओर से पैरवी स्वीकार करने से इनकार कर दिया, जिससे अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख तीन मई तय कर दी.
पिछले साल 18 अप्रैल को हुबली स्थित बीवीबी कॉलेज कैंपस में यह घटना हुई थी, जब पूर्व सहपाठी फैयाज ने कथित तौर पर नेहा हिरेमठ की चाकू से 27 बार वार कर निर्मम हत्या कर दी थी. बताया जाता है कि नेहा ने आरोपी के प्रेम प्रस्ताव को ठुकरा दिया था, जिससे गुस्से में आकर आरोपी ने यह कदम उठाया. यह मामला कर्नाटक भर में व्यापक आक्रोश और शोक का विषय बना था. अब जब मामला अदालत में पहुंचा है, तो पीड़ित परिवार न्याय की उम्मीद में है.
नेहा के पिता निरंजन हिरेमठ ने कहा कि ट्रायल शुरू होने से उन्हें कुछ राहत मिली है, लेकिन अब उनका प्रयास इस मुकदमे को फास्ट ट्रैक कोर्ट में स्थानांतरित कराने का है, ताकि तीन से छह महीने में मामले का निपटारा हो सके. उन्होंने राज्य सरकार से अपील की है कि वह इस केस को प्राथमिकता दे और सुनिश्चित करें कि सभी कानूनी प्रक्रियाएं निष्पक्षता से पूरी हों. उन्होंने भरोसा जताया कि न्यायपालिका से उन्हें इंसाफ जरूर मिलेगा क्योंकि उनके पास पर्याप्त साक्ष्य और गवाह मौजूद हैं.
नेहा के वकील राघवेंद्र ने भी बताया कि अदालत में पहले दिन आरोपी की गैरमौजूदगी और वकील बदलने की प्रक्रिया के चलते सुनवाई टाल दी गई, लेकिन आगे की सुनवाई में ट्रायल की प्रक्रिया तेज की जाएगी. उन्होंने आश्वासन दिया कि वकीलों का संघ पीड़ित परिवार को हरसंभव सहयोग देगा और न्याय दिलाने के लिए पूरी कोशिश की जाएगी.
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